यह कविताएं हमें भेजी है रामबृक्ष कुमार जी ने अम्बेडकर नगर से।

नन्हा पौधा कविता | Nanha Paudha Kavita | Beautiful Poem On Plant

आप पढ़ रहे हैं ( Nanha Paudha Kavita ) नन्हा पौधा कविता :- Nanha Paudha Kavitaनन्हा पौधा कविता बोया था मिट्टी में बीजयह सोचकर, पेड़ बनेगा ।छाया देगा जीव जंतु को ,फल भी सारा ढेर लगेगा ।। रोज देखता कब निकलेगा ,नन्ना मुन्ना अंग सलोना ।हाथ पाव सा पत्ता कोमलमेरा हीरा मोती सोना ।।…

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मन पर कविता :- मन की चाह | Man Ke Upar Kavita Hindi Mein

आप पढ़ रहे हैं ( Man ke upar kavita hindi mein ) मन पर कविता :- मन पर कविता मन क्यों चंचल इच्छा अनंत,खोजे किसको हर क्षण हर पल।संतोष नहीं ना शांत कहीं,किसको पाने का रहता विकल।। यह रंग रंगीली है दुनिया,होता रहता नित नया यहांहै सार जगत का प्रेम-प्रसंग।मन क्यों चंचल इच्छा अनंत…

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हिंदी कविता बढ़ते कदम | Hindi Kavita Badhte Kadam

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Badhte Kadam ) हिंदी कविता बढ़ते कदम :- Hindi Kavita Badhte Kadamहिंदी कविता बढ़ते कदम तान ले यदि तीर अपना मंजिल की ओरसोचकर उम्मीदों पर खरे उतर रहे हम ,दुनिया तुम्हारा नाम क्यों याद रखेगी ?बस छोड़ दे तीर यह समझकर ,है केवल सोच और कर्मों में…

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हिंदी कविता परछाईयाँ | Hindi Kavita Parchhaiyan

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Parchhaiyan ) हिंदी कविता परछाईयाँ :- Hindi Kavita Parchhaiyanहिंदी कविता परछाईयाँ न शौक, न श्रृंगार ,न इच्छा न चाह हो,न दु:ख हो न दर्द हो,कठिन भले ही राह हो,तेरे बिना रहना कैसा?भाये भला तनहाइयां?बनकर सदा चलता रहूं ,अमिट तेरी परछाइयां। कहता कौन? होता…

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कविता जीने का सहारा हूं मैं | Kavita Jeene Ka Sahara Hun

आप पढ़ रहे हैं ( Kavita Jeene Ka Sahara ) कविता जीने का सहारा हूं मैं :- कविता जीने का सहारा हूं मैं न महलों बीच उजाला हूं मैंन ज्वालामुखी का ज्वाला हूं मैं न आसमान का तारा हूं मैंन मेघ बीच चंचल चपला,न अग्नि बीच अंगारा हूं मैं मन उदास जीवन निराशहर दिन…

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कविता दु:ख की बदली | Kavita Dukh Ki Badli

आप पढ़ रहे हैं ( Kavita Dukh Ki Badli ) कविता दु:ख की बदली :- कविता दु:ख की बदली रात भयानक थी कालीन निशाकर की कर की जालीसांय सांय सन्नाटा की ध्वनिफैली तरु की डाली डाली निशीथ सघन काले धन कीमन पर छाई दु:ख की बदलीव्याकुल तन विकृत मनसोंचा खुशियों का अब हुआ अंत…

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