हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति (रिसोर्स पर्सन) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते। मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।
भारत में लोग भाषण तो हर विषय पर दे लेते हैं लेकिन जब बात आती है खुद उन बातों पर खरे उतरने की। तब बहानेबाजी करने लगते हैं। समझदार होने का नाटक तो सभी करते हैं मगर समझदारी दिखाते नहीं। कैसे आइये पढ़ते हैं हिंदी कविता समझदारी और बदलाव में…
किसान जो हमेशा सब का पेट भरता है कभी-कभी खुद भूखा रह जाता है। उसी अन्नदाता की व्यथा को बयान कर रही है यह छोटी कविता किसान पर :- छोटी कविता किसान पर चलो आज बात करते है। धरती पुत्र बलिदानी की। स्वयं शीत ताप सब सहता है। कभी भी…
हिंदी कविता अल्हड़ जवानी जीवन की भी है,अलग ही व्यथा। बचपन, जवानी, वृद्धा अवस्था। निकला बचपन खेलने कूदने में। नित नए रोज सपने बुनने में। फिर हुए किशोर,आ गई अल्हड़ जवानी। जोश खरोश से, बात- बात में करते नादानी। जवानी का नशा,ऐसा मतवाला। नहीं कोई मेरा जैसा, दिलवाला। नहीं समझा…
आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Abhilashsa ) हिंदी कविता अभिलाषा हिंदी कविता अभिलाषा तू मेरे तन की तनया है। तेरे रोम-रोम मे खुशबू है मेरी। तू तनय से भी तेज तर्रार है। पर समाज मे तेरे मान की रार है। अब तू बदल,बदला है समय। समय के साथ…
हिंदी भाषा के सम्मान में मनाये जाने वाले दिवस को समर्पित हिंदी दिवस की कविता " हिंदी दिवस आया " :- हिंदी दिवस की कविता हर वर्ष की भांति, हिंदी दिवस आया। 14 सितंबर को, इस वर्ष भी मनाया। वही पुराना, परंपरागत राग अलपाया। किसी ने कविता, कहानी व हिंदी…
8 सितम्बर को मनाये जाने वाले विश्व साक्षरता दिवस पर कविता " सब पढ़ें,सब बढ़े " :- साक्षरता दिवस पर कविता सब पढ़ें,सब बढ़े। जगत में कोई ना रहे अनपढ़।सब नर-नारी पढ़े और बढ़े। यूनेस्को का यह ऐलान।8 सितंबर साक्षरता का मान। पहला विश्व साक्षरता दिवस 1966 में आया।सबको शिक्षा…
यूँ तो जिंदगी स्वयं एक शिक्षक है परन्तु जिंदगी में भी कोई ऐसा मिल जाता है जो हमें जिंदगी जीने का ढंग बता जाता है। ऐसे ही शिक्षक को समर्पित है यह शिक्षक पर हिंदी कविता :- शिक्षक पर हिंदी कविता आज शिक्षक दिवस पर, सभी शिक्षकों को नमस्कार। आज…
बचपन के दिन ऐसे दिन होते हैं जिसके लौट आने की तमन्ना तो सभी करते हैं लेकिन वो दिन लौट कर कहाँ आते हैं। आइये पढ़ते हैं ऐसी ही बचपन को याद करवाती हिंदी कविता मेरा बचपन :- हिंदी कविता मेरा बचपन कितना प्यारा था मेरा बचपन? ना कोई गिला,…
घर का महत्त्व बताती ( Ghar Par Kavita ) घर पर कविता " अपना घर, घर होता है " Ghar Par Kavitaघर पर कविता पापा के द्वारा,बनायाअपना घर ।अपना घर, घर होता है।जैसा भी हो, पर प्यारा होता है। कभी भी करो आना जाना।नहीं बुनना पड़ता कोई ताना-बाना।अपना घर होता…