फैशन पर कविता | Fashion Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं फैशन पर कविता :- फैशन पर कविता वाह वाह क्या है? फैशन का मेला। गुरु गुड़ रह गया, शक्कर बन गया चेला। फैशन है बाजार का, नया पैंतरा व झांसा। किसी को भी इसने,नही छोड़ा सबको फांसा। बिगड़ी का नाम है फैशन। यह पैदा करती है…

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पराजय को न करना स्वीकार | Parajay Ko Na Karna Sweekar

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता पराजय को न करना स्वीकार :- पराजय को न करना स्वीकार भले मार्ग में बाधाएं हो अनेक पराजय को न करना स्वीकार। सही दिशा का करना चयन पूर्व की त्रुटियों में करके सुधार।। आग की लपटें जो रोके तुझे स्वागत करना उसका हंसकर। बस…

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हिंदी कविता स्वागत बसंत का | Kavita Swagat Basant Ka

ऋतुराज बसंत के स्वागत में हिंदी कविता स्वागत बसंत का :- हिंदी कविता स्वागत बसंत का सवैया पद है होने लगी बिहँसित धरती, कुहासा भी व्योम से जाने लगा है । व्यतीत हुई अब शीत की रीति, धरा पर आतप आने लगा है । हैं होने लगीं कलियां विकसित, देखि…

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हिंदी कविता खून के पक्ष | Hindi Kavita Khoon Ke Pakhsa

हिंदी कविता खून के पक्ष - मानव के जीवन में खून (रक्त ) का अपना विशेष महत्व होता है । मानव और मानवता के सम्बन्ध में खून ( रक्त ) के कुछ महत्वपूर्ण पक्षों का चित्रण करती हुइ घनाक्षरी छन्द में रचना प्रस्तुत है । हिंदी कविता खून के पक्ष…

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हिंदी कविता राम राज्याभिषेक | Kavita Ram Rajyabhishek

हिंदी कविता राम राज्याभिषेक - चौदह वर्षों के वनवास के पश्चात मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम चन्द्र जी का अयोध्या आगमन होता है। प्रस्तुत रचना में अवध वासियों उमड़ रही खुशी की लहरों का चित्रण किया गया है। हिंदी कविता राम राज्याभिषेक सब गाओ रे मंगल गीत, आज राम राजा बनें…

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हिंदी कविता अपना अपना भाग्य | Hindi Kavita Apna Bhagya

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अपना अपना भाग्य :- हिंदी कविता अपना अपना भाग्य संसार की अजब गजब है लीला। कोई खाने के लिए मेहनत करता। कोई पचाने के लिए मेहनत करता। सबकी अपनी-अपनी है भाग्य की लीला। एक कुत्ता है जो सुखी हड्डियों को खाता। एक वह कुत्ता…

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हिंदी कविता बिलखता शिशु | Hindi Kavita Bilakhta Shishu

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता बिलखता शिशु :- हिंदी कविता बिलखता शिशु यह है एक बिलखते शिशु की कहानी। हर परिवार में दिखती है यह शैतानी। सुबह-सुबह रोज पडौस में बच्चा चीखता। एक दिन घर जाकर लगाया उसका पता। तैयार कर रही थी उसकी माता। पर बच्चा जाना ही…

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हिंदी कविता अग्निपरीक्षा | Hindi Kavita Agnipariksha

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अग्निपरीक्षा :- हिंदी कविता अग्निपरीक्षा सीताजी ने दी थी जो परीक्षा। वह थी अग्निपरीक्षा। पतिव्रता सतवंती नारी की कठिन परीक्षा। पर क्यों नहीं होती पुरुषों की अग्निपरीक्षा। जब प्रकृति में नर और नारी दोनों ही है इंसान। तो नर क्यों बनता है बेईमान। नर…

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हिंदी कविता सब बाकी है | Hindi Kavita Sab Baaki Hai

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Sab Baaki Hai ) हिंदी कविता सब बाकी है :- हिंदी कविता सब बाकी है सब बाकी है, सब पाना है, मुझे दूर तक जाना हैं । ये मंजिल नहीं है मेरी, मुझे और कठिनाइयों को निभाना है, मुझे पाना है। ये कठिनाईयाँ…

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Gantantra Diwas Par Kavita | गणतंत्र दिवस पर कविता

Gantantra Diwas Par Kavita आप पढ़ रहे हैं गणतंत्र दिवस पर कविता :- Gantantra Diwas Par Kavitaगणतंत्र दिवस पर कविता कितनी पीड़ा सही उन्होंने,तिरंगे की शान बचाने को।खदेड़ फिरंगियों को भारत से,अपनी आजादी पाने को। कुछ ने सीने पर गोली झेली,तो कुछ फंदों पर झूल गए।लाशों के अनगिन ढेर जले…

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हिंदी कविता जिंदगी पर | Zindagi Par Hindi Kavita

आप पढ़ रहे हैं जिंदगी पर हिंदी कविता :- हिंदी कविता जिंदगी पर खाली मकान... खाली श्मशान है ....ए.....जिंदगी... तेरी इतनी विशाद है ना कर गुरूर किसी बात का खाली मटके की तरह.... तू भी बेकार है रहगुजर है आज यहाँ कुछ दिन के बाद.... तू तो मेहमान है आगे…

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हिंदी कविता बेरंग | Hindi Kavita Berang

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता बेरंग :- हिंदी कविता बेरंग रँग बदलती इस दौर मे लोग कितने बेरँग है हाव - भाव सब दिखाने के है अंदर से कमजोर है रिश्ते - नाते सब बोझ लगे फिर भी ढोते सब लोग हैं कोई किसी का हाल ना पुछे क्या…

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