फैशन पर कविता | Fashion Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं फैशन पर कविता :-

फैशन पर कविता

फैशन पर कविता

वाह वाह क्या है? फैशन का मेला।
गुरु गुड़ रह गया, शक्कर बन गया चेला।

फैशन है बाजार का, नया पैंतरा व झांसा।
किसी को भी इसने,नही छोड़ा सबको फांसा।

बिगड़ी का नाम है फैशन।
यह पैदा करती है टेंशन।

फैशन के नाम पर, खूब-फूंकते है पैसा।
काला कभी गोरा नहीं होता, रहता है वैसा का वैसा।

फैशन की दुनिया है, बहुत विशाल।
बेकार की चीज को भी, बना देते है बेमिसाल।

नई पीढ़ी को इसका,लगा है बहुत चस्का।
बुजुर्गो को समझाते है,लगा-लगा के मस्का।

पर एक दिन सबको समझना पड़ेगा,फैशन बाजार को।
क्यों लुटा रहे है हम, मेहनत की गाढ़ी कमाई को।

पढ़िए :- हिंदी कविता खुद को पहचानो | Kavita Khud Ko Pahchano


“रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"
हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति (रिसोर्स पर्सन) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते। मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

“ फैशन पर कविता ” ( Fashion Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *