Hindi Poem On Hope – आप पढ़ रहे हैं उम्मीद पर कविता :-
Hindi Poem On Hope
उम्मीद पर कविता
जीवन में मिले शांति,
रखो ईश्वर से उम्मीद।
सबके घर मने,
दीपावली और ईद।
ना उम्मीद होना तो,
जीवन का होगा अंत।
हम तो गृहस्थी है,
उम्मेदी होते फकीर संत।
हमेशा रखनी चाहिए,
विजय की उम्मीद।
करो ऐसा परिश्रम,
उड़ जाए आंखों की नींद।
उम्मीदों के सहारे ही,
संसार है बसा।
तभी तो हर आदमी,
निन्यानवे के फेरे में फंसा।
उम्मीदवान ही देखते है,
सुनहरे व उच्च सपने।
उनको नही होती चिंता,
कौन पराया कौन अपने।
लगे रहते है सिद्दत से,
करने में उम्मीद पूरी।
ईश्वर भी रखता है,
लाज उनकी बनकर धूरी।
इसलिए हंसराज हंस कहे,
नाउम्मीद तो मौत है।
उम्मीद व आशा ही,
जीवन जीने का स्रोत है।
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रचनाकार का परिचय
हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति ( रिसोर्स पर्सन ) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते।
मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।
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