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मास्क पर कविता
कोरोना ने दिया सबको, छोटा सा एक टास्क।
मुझ से बचना है तो, लगाना होगा मास्क।
घर में रहना मास्क लगाना, है आसान।
पर फिर भी देखो, अनजान बन रहा इंसान।
मास्क कोरोना के साथ, बचाता है धुआं,धूल व एलर्जी।
दमा और क्षय रोग,इनसे लड़ने की भी मिलती है एनर्जी।
मास्क को स्टाईलिश नही बनाना, सुरक्षा के हिसाब से लगाना।
मुंह नाक को ढकना, तभी महामारी से होगा बचना।
बच्चा, बुढ़ा या जवान, घर, बाजार या दुकान।
हर समय हर जगह, मास्क को चढ़ाए रखो कान।
साफी, रुमाल और तौलिया, नही है मास्क समान।
दो लहर का मास्क ही, मिटाएगा कोरोना का नामो-निशान।
ले लो सब यह प्रण, घर के बाहर निकले कदम।
मास्क और हेलमेट, दोनों बने हमारे हमदम।
कोरोना से नही डरना, वैक्सीन जरूर लगवाना।
दो गज की दूरी व मास्क, लगाना नही भूलजाना।
जिंदगी बचाना है जरूरी, हम है तो जंहा है।
हम नही रहे तो, फिर सुनसान यहां है।
इसलिए हंसराज हंस कहता है, मास्क है जरूरी।
नियम का करना है पालन, इसको मत समझो अपनी मजबूरी।
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