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हिंदी कविता मेरे हमदम

हिंदी कविता मेरे हमदम

आ जा रे मेरे हमदम।
साथ देना मेरा हरदम।

नही छोडना कभी मेरा हाथ।
जीवन भर निभाना मेरा साथ।

मानते रहोगे मेरी बात।
नही मिलेगी कभी मात।

भूलती हूं तेरी संग हर गम।
साथ देते रहना ऐसे ही सनम।

हर संघर्ष को लूंगी मैं जीत।
बस चाहिए मुझे तेरी प्रीत।

मेरे लग जाते है परवाज।
सुन तेरी मीठी आवाज।

चमन के हम दो है माली।
फुल खिले न रहे खाली।

मिलकर गाये प्रीत का तराना।
बेमिशाल बने हमारा यह याराना।

आ जा रे मेरे हमदम।
साथ देना मेरा हरदम।

जीवन भर रहे एक दूजे का साथ।
अब जीवन डोर है तेरे हाथ।

ले हाथों में हाथ चले दुनिया के पार।
कल कल करते झरने हो जहां अपार।

तुम मेरे सपनों के साथी।
तुम दीया मैं हूं बाती।

यह विश्वास कायम रहे हरदम।
आ जा रे मेरे हमदम।

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“रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"
हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति ( रिसोर्स पर्सन ) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते। मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

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