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आँख पर कविता
आंखें है तो, है सारा जहां।
आंखों के बिना, सब बेकार यहां वहां।
आंखें कर देती है, सब हाल बयां।
जान जाती है सब, जो चाहता है सैयां।
आंखों आंखों में, हो जाती है बातें।
साजन- सजनी की आंखों में ही कट जाती है रातें।
आंखों पर है,बहुत सारे मुहावरे।
पर सबके अर्थ है, बड़े ही न्यारे-न्यारे।
आंख दिखाना, आंखें मटकाना।
लाल आंखें होना, आंखें निकालना।
आंखों का तारा, सबका दुलारा।
आंखों में ले सपने, ईश्वर को पुकारा।
जीवन में कभी, आंखें न झुकाना।
चोरी अन्याय पाप से, डरते रहना।
आंख खुजाए, कभी ना करना।
छोटों को प्यार, बड़ों को आदर देना।
शरीर की आंखों से, सच्ची है मन की आंखें।
हमेशा आंखें रखना खुली, तरक्की पसंद हो सबकी आंखें।
अच्छा देखें, अच्छा दिखाएं।
जीवन में नया, जोश व उत्साह लाए।
पढ़िए :- कविता मन की आँखों से | Kavita Man Ki Aankhon Se
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