आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता बिलखता शिशु :-

हिंदी कविता बिलखता शिशु

हिंदी कविता बिलखता शिशु

यह है एक बिलखते शिशु की कहानी।
हर परिवार में दिखती है यह शैतानी।

सुबह-सुबह रोज पडौस में बच्चा चीखता।
एक दिन घर जाकर लगाया उसका पता।

तैयार कर रही थी उसकी माता।
पर बच्चा जाना ही नही चाहता।

सब चाहते थे स्कूल में दाखिला कराना।
अंग्रेजी मिडियम से उसे पढ़ाना।

बच्चे के उम्र थी अभी तीन साल केवल।
चाहते थे सब सीखने का ऊंचा हो लेवल।

बच्चे का बचपन छीन रहे थे
तमाशबीन होकर देख रहे थे।

बच्चा नही जाऊंगा स्कूल कह रहा था।
खेलने की उम्र में किताबों को ढो रहा था।

होमवर्क व ट्यूशन‌ की मारामारी।
बच्चे पर पड़ रही थी बहुत भारी।

मैंने कहा बच्चे की मत करो जोरी।
इसके बचपन की मत करो चोरी।

बचपन के दोस्तों में मस्ती करने दो।
धूप मिट्टी में चोर सिपाही खेलने दो।

बचपन का आनंद लेने दो।
अभी पढ़ाई की उम्र होने दो।

अभी से मत डालो पढ़ाई का बौझ।
खेल कूद में लेने दो अभी मौज

यह पक्की बात है अच्छा बीतेगा बचपन।
तो जीवन में नहीं लगेगा कभी सूनापन।

मेरे कहने से तुम सब इसको छोड़‌ दो।
आनंद के सागर में डूबकी लगाने दो।

पढ़िए :- बाल कविता नाव चली | Bal Kavita Naav Chali


“रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"
हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति (रिसोर्स पर्सन) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते। मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

“ हिंदी कविता बिलखता शिशु ” ( Hindi Kavita Bilakhta Shishu ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply