कविता पर्यावरण पर :- कहीं खो गया | Kavita Paryavaran Par

कविता पर्यावरण पर वसुधा का वह सुनहरा दृश्य न जाने कहां लुप्त हो गया। प्रकृति का मोहक सा नजारा वृक्ष काटने से कहीं खो गया।। सूखे हुए पेड़ों के निराश तने आंसू बहा रहे हैं पतझड़ के। सलिल नहीं मिलने के कारण सूख रहे जीवन वृक्ष जड़ के।। वृक्ष काटने…

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ग़ज़ल तर्क वितर्क | Ghazal Tark Vitark

ग़ज़ल तर्क वितर्क मुश्क़िलों को समझें तर्क - वितर्क करें , मज़हबों में नहीं सोच में फ़र्क़ करें। कोहिनूर भी किसी ने चुरा लिया था , कमाई दौलत को समझकर ख़र्च करें। मंज़िलें , क़ामयाबी भी तब ही मिलेगी , चलने से पहले अपना इरादा ज़र्फ़ करें। पर जहाँ पर…

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नारी पर कविता | Nari Par Kavita In Hindi | Poem On Woman

Nari Par Kavita In Hindi आप पढ़ रहे हैं नारी पर कविता :- Nari Par Kavita In Hindiनारी पर कविता मन में विश्वास हैहे नारी तू महान हैमां, बहन, बेटी,पत्नी के रूप में हो तुम सजती । तो देवी बन मां सरस्वती ,लक्ष्मी ,दुर्गा और काली के रूप में ,सर्वत्र पूजी जाती । हे…

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विश्व पर्यावरण दिवस पर हिंदी कविता | 5 जून पर विशेष कविता

विश्व पर्यावरण दिवस पर हिंदी कविता धरती की हरियाली को तूने लूटा है, बताओ कितने जंगल को तूने काटा हैं! वनो में अब न गुलमोर न गूलर खड़ी है, हरी- भरी धरती हमारी बंजर पड़ी है! क्या खाओगे बोलो और क्या साँस लोगे! अगर ये जंगल नहीं रहेगा तो तुम…

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पति पत्नी प्रेम कविता | Pati Patni Prem Kavita

लॉकडाउन के बाद पति से मिलने पर पत्नी की भावनाओं पर लिखी गयी ( Pati Patni Prem Kavita ) पति पत्नी प्रेम कविता "साथ चलेंगे कदम कदम " पति पत्नी प्रेम कविता बड़े दिनों के बाद, मैं आई हूँ आपके पास संग मोरे झूमे सारी धरती और सारा आकाश। मैं…

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ऋतुओं पर कविता | Rituon Par Hindi Kavita

आप पढ़ रहे हैं ऋतुओं पर कविता :- ऋतुओं पर कविता जीवन का हर एक क्षण नहीं होता है एक समान। कभी होता है हरा भरा कभी होता है रेगिस्तान।। प्रकृति भी अपने मौसम समय के बाद बदलती हैं। जब सर्दी आती जीवन में मानव की एक न चलती है।।…

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कन्या भ्रूण हत्या पर कविता | Kanya Bhrun Hatya Par Sad Kavita

आप पढ़ रहे हैं कन्या भ्रूण हत्या पर कविता :- कन्या भ्रूण हत्या पर कविता माँ मुझे भी जीने की लालसा है!मेरी भी कुछ अभिलाषा है! मैं भी नभ के तारे बन चाहती हूँ दमकना!मैं भी सूरज बन नभ में चाहती हूँ चमकना! मुक्तगगन में पंख लगाकर उड़ना चाहती हूँ!माँ…

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ईद पर शायरी हिंदी | Eid Shayari In Hindi

ईद पर शायरी हिंदी :- मैं यशु जान ईद के मुबारक़ मौक़े पर आप सबको ईद मुबारक़ कहता हूँ और अल्लाह से दुआ करता हूँ कि मेरे सभी भाईयों को ख़ुदा सलामत रख़े और सबको ख़ुशियाँ अदा फ़रमाए। ईद पर शायरी हिंदी ईद के ख़ास मौके पर कोई ख़ुदाई से…

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पढ़ाई पर बाल कविता | Padhai Par Bal Kavita

आप पढ़ रहे हैं पढ़ाई पर बाल कविता :- पढ़ाई पर बाल कविता देखो मां घर के बाहर आया है कोई खिलौने वाला। पास है उसके तीर धनुष और रंगीन मोतियों की माला।। डमरू डम डम बजने वाली बंदूक लिए खड़ा है सिपाही। मुझको कागज कलम भायी यही सफल जीवन…

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कोरोना पर हिंदी में कविता | Kavita Corona Par

आप पढ़ रहे हैं कोरोना पर हिंदी में कविता :- कोरोना पर हिंदी में कविता कोरोना ने मानव जीवन और प्रकृति में मचाया है हाहाकार। समय की मांग के कारण सबने घर में रहना किया है स्वीकार।। हंसता खेलता हुआ जीवन कुछ दिन में ही लुप्त हुआ। अदृश्य शत्रु बनकर…

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ईमानदारी पर कविता | Poem On Honesty In Hindi | Imandari Par Kavita

Poem On Honesty In Hindi आप पढ़ रहे हैं ईमानदारी पर कविता :- Poem On Honesty In Hindiईमानदारी पर कविता जीवन की विपरीत घड़ी मेंनहीं छोड़ना तुम ईमानदारी।वसुधा को स्वर्ग बनाने कीहै हम सभी की जिम्मेदारी।। जीवन में जिस मानव नेईमानदारी का वस्त्र पहना।ईश्वर ने उसे प्रसन्न होकरदिया सफलता का…

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पिता को समर्पित कविता । Pita Ko Samarpit Kavita

आप पढ़ रहे है पिता को समर्पित कविता :- पिता को समर्पित कविता कंधों पर अपने मुझे बिठाकर अंजान जगत से मुझे मिलाया। मेरी मूक बातों को समझकर उर में मेरे प्रेम का पुष्प खिलाया।। अपनी इच्छाओं को भूलकर मुझे सुख सुविधाएं किए प्रदान। मेरी नन्ही सी जिद के कारण…

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