मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

इश्क पर हिंदी कविता :- ये बेदाग इश्क मेरा

इश्क सुकून है तो दर्द भी है। इश्क के भी दो रूप हैं। एक रूप तब दिखता है जब हम किसी की ख्वाहिश करते हैं। दूसरा इश्क वो है जिसमें हम तड़पते हैं। जिसमें कोई बिछड़ जाता है। कैसे आइये पढ़ते हैं इश्क पर हिंदी कविता में :- इश्क पर…

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इश्क पर कविता :- इश्क़ में धड़कनें फिर मचलने लगी

इश्क का अहसास बहुत ही प्यारा होता है। जब ये किसी को हो जाता है ना तो वो अपनी सुध-बुध खो बैठता है। और क्या-क्या होता है उसके साथ आइये पढ़ते हैं इश्क पर कविता में :- इश्क पर कविता इश्क़ में धड़कनें, फिर मचलने लगी। इश्क़ का कुछ असर,…

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नारी अस्मिता पर कविता :- क्यूँ बना नारी जीवन

बिना नारी समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। नारी ही है जिसके कारन सारा संसार गतिमान है। नारी माँ बन कर पालती है। बहन बन कर राखी बांधती है। रानी लक्ष्मीबाई बन कर अपने हक़ के लिए लड़ती है। मदर टेरेसा बन कर सब की सहायता करती है।…

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हिंदी कविता चाँद से फरियाद | Hindi Kavita Chand Se Fariyaad

चाँद से एक प्यारी सी बातचीत पर हिंदी कविता चाँद से फरियाद :- हिंदी कविता चाँद से फरियाद ऐ चाँद इतना भी न अब तू इतरा। ऐसा तो नहीं,तुझ पर कोई नहीं उतरा। चल जिद छोड़,और आने दे अब हमें ताकि पहना सकें तुझे,तिरंगे का सेहरा। क्या चाहता है हमसे,जरा…

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तेरी याद में कविता | Teri Yaad Me Kavita

तेरी याद में कविता तेरी याद में साँसें दबी दबी सी अरमाँ कुछ कम हैं। दिल के दर्द में आज धड़कन गुमशुम हैं। रोती रही जमीं मगर न बरसा आसमाँ। तेरी याद में हमदम मेरी आंखें नम है। मुझको गयी तू छोड़कर जबसे ऐ जानेजां। तेरे प्यार में अब तो…

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प्यार की कविता हिंदी में :- पाई जब इक झलक तेरी

प्यार की कविता हिंदी में पाई जब इक झलक तेरी दीवाना मैं उस पल हुआ हूँ। देख तेरी सादगी फिर मैं तो तेरा कायल हुआ हूँ। सुकून नहीं न करार मुझे तेरे खयालों में ही डूबा रहूँ। जब से देखा ये चेहरा तेरा मैं तो तबसे घायल हुआ हूँ। तेरे…

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फाल्गुन पर कविता :- फागुन महीना आया

मनहरण घनाक्षरी में लिखी हरीश चमोली जी की ( Fagun Maheene Par Kavita ) फाल्गुन पर कविता "फागुन महीना आया" :- फाल्गुन पर कविता फागुन महीना आया होली भी है साथ लाया झूम-झूम सब मिल खुशियां मनाइये। गुब्बारे में रंग भर गिलास में भंग भर यहां-वहां घूम फिर गुलाल उड़ाइये।…

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हिंदी कविता खुद को पहचानो | Kavita Khud Ko Pahchano

आप पढ़ रहे हैं हरीश चमोली जी द्वारा रचित ( Hindi Kavita Khud Ko Pahchano ) हिंदी कविता खुद को पहचानो :- हिंदी कविता खुद को पहचानो दिल में छिपी तमस को तुम, खुद से जरा हटाकर तो देखो। फितूर अपने मस्तिष्क का, पुष्प सा महकाकर तो देखो। जीवनदाता परमेश्वर…

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हिंदी कविता मुसाफिर हूँ मैं यारों | Musafir Hun Main Yaaron

हिंदी कविता मुसाफिर हूँ मैं यारों न जाने आज मैंकिस ओर चल रहा हूँ।अनजानी राहों मेंगिरने से सँभल रहा हूँ।कदम डगमगा रहे राह में,फिर भी सीना तान खड़ा हूँ। मुसाफिर हूँ मैं यारोंलक्ष्य ढूंढने चल पड़ा हूँ।   जैसी भी बाधाएं आएंमैं उनके मुताबिक ढल रहा हूँ।  हार जीत कुछ…

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देश भक्ति दोहे सैनिकों पर | Desh Bhakti Dohe Sainiko Par

देश भक्ति दोहे सैनिकों पर हर कतरा निज देह का,कर देते हैं दान। रक्तिम बूंदों से लिखा,तन पर हिंदुस्तान। दुश्मन का हो अंत ये, है बस मेरा काम। भारत माँ की जय करूँ, और जपूँ श्री राम।। देशभक्ति करता रहूँ, जन्म-जन्म सौ बार। मौत मिले जो इस जन्म, पुनः लूँ…

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गांव पर हिंदी कविता :- यूँ ही गाँव, गाँव नहीं कहलाता | Gaon Par Hindi Kavita

गांव की महिमा का वर्णन करती हुयी गांव पर हिंदी कविता गांव पर हिंदी कविता यूँ ही गाँव, गाँव नहीं कहलाता साहब, कई पीढ़ियाँ बितानी पड़ती हैं गाँव में। यूँ ही आटा-चावल नहीं बनती बालियाँ चलकर फोड़ने पड़ते है छाले पाँव में। लौकी,तोरी,ककड़ी,कैसे लगती डाली में। खून-पसीना बहा,जब सूरज की…

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माँ बिन कैसे जी पाऊंगा :- माँ की याद में कविता

आप पढ़ रहे हैं माँ की याद में कविता ( Maa Bin Kaise Jee Paunga ) " माँ बिन कैसे जी पाऊंगा " :- माँ बिन कैसे जी पाऊंगा जन्म से लेकर ही,धरा पर तेरे, आँचल की छाँव, में रोया था। मेरे नैन खुले भी,नहीं थे किंतु, तेरे आभास,मात्र से…

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