मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
आप पढ़ रहे हैं दीपावली पर कविता :- दीपावली पर कविता दीप मालाएं जलाकर,अंधियारा है मिटाना। रीत जो आती रही है, इस तरह से ही निभाना। अगर मिट जाते नहीं अंतर्मनों से द्वेष सारे। व्यर्थ फिर दीपक जलाना,है उचित उनको बुझाना। क्यूँ जला देते सभी है,एक पुतला शौक में यूँ?…
आप पढ़ रहे हैं ( Desh Ke Jawan Par Kavita ) देश के जवान पर कविता " निज देश प्रेम भाता है " :- देश के जवान पर कविता छोड़कर घर का सुख, जो सीमा पे जाता है। दुश्मन की छातियों पे, तिरंगा गाड़ आता है। नहीं है मोह जीवन…
रामधारी सिंह दिनकर पर कविता पश्चिम में छिपता दिनेश जो,उदित होता फिर नित्य नभ में। है चकित क्षितिज भी देख,दिनकर की चमक सतत जग में। प्रखर अग्नि सा तेज भरा, वीररस के ओजस्वी राष्ट्रकवि। भानु रश्मि सम तीव्र वेग सी, थी उनकी लेखनी की गति। रेणुका,कुरुक्षेत्र,उर्वशी एवं, सूरज का ब्याह…
हिंदी भाषा का महत्त्व बताती हरीश चमोली जी की बेहतरीन रचना ( Hindi Diwas Par Hasya Kavita ) हिंदी दिवस पर हास्य कविता "हिंदी बहुत निराली है" हिंदी दिवस पर हास्य कविता हिंदी लगती मस्त निराली। घर में लाती है उजियाली। कौवा, तोता, कबूतर,मोर। हिंदी में ही मचाओ शोर। ये…
दूर हो जाने पर कविता मेरे सपनों को तुम,इस तरह तोड़ो मत। अपना रुख तुम कहीं,और मोड़ो मत। कि मर जायेंगे हम,अब तुम्हारे बिना मेरा साथ तुम यूँ,इस तरह छोड़ो मत। क्यूँ पागल बनाया,था तुमने मुझे गर जाना ही था तो,क्यूँ लगाई ये लत। सुनलो मेरी गुजारिश,तुम न जिद्दी बनों…
आज पूरा विश्व एक महामारी "कोरोना" से जूझ रही है इसी सन्दर्भ में पढ़िए हरीश चमोली जी की हिंदी कविता कैसी आयी महामारी :- हिंदी कविता कैसी आयी महामारी मानवता में देखो यह कैसी आयी महामारी? छुआछूत की बीमारी यह,प्रचंड रूप है धारी। करके कैद,घर में खुद को,बच पायेगा जन-जन,…
आप पढ़ रहे हैं ( Ram Mandir Par Kavita ) राम मंदिर पर कविता "आओ श्रीराम का मंदिर बनाएं" राम मंदिर पर कविता भक्ति रस से,गुलिस्ताँ महकाएं।चलो आज ईंट से,ईंट मिलाएं।करें अरुणोदय अवध धाम से,आओ श्रीराम का,मंदिर बनाएं। आओ खुदा को,पैगाम लिख दें।पैगाम-ए-दिल,सलाम लिख दें।मजहबी नफरत को खत्म करके,दिलों में…
हिंदी कविता कहाँ गयी तेरी रखवाली हे!संविधान उत्तर दो मेरा,कौन करे तेरी रखवाली? क्यूँ मूक बधिर बन बैठा है,लिए हाथ कंगन बाली? कहाँ गया सिंह सा गर्जन,भीषण रौब न्यायधारी? क्या बदल गया चरित्र तेरा,लगा अधरों पर लाली? बिके चंद पैसे खातिर,बजाकर किन्नर सी ताली। हे!संविधान के रखवाले,कहाँ गयी तेरी रखवाली?…
कोरोना पर कविता यह कैसा आया है दौर,कि सभी सड़कें वीरान है। बंद सभी दुकानें और सब गलियाँ भी सुनशान हैं। मानवता पर देखो कैसे, संकट के बादल हैं छाए, खुले में घूम रहे हैं पशु,और पिंजरे में कैद इंसान है। कोरोना की महामारी से,सभी कितने ही हैरान हैं। शहर…
Poem On Jallianwala Bagh In Hindi - हत्याकांड से आहत जलियांवाला बाग कैसे अपना दर्द बयां कर रहा है पढ़िए जलियांवाला बाग पर कविता :- जलियांवाला बाग पर कविता लाख जनों के हृदयों में,सुलग रही एक आग हूँ।भारत माँ के चरणों में मै,जलता हुवा चिराग हूँ।निर्दोषों के रक्त से लथ-पथ,जिसकी…
प्रकृति प्रेम पर हिंदी कविता - कुदरत से प्यार करने का संदेश देती ( Prakriti Prem Par Kavita In Hindi ) प्रकृति प्रेम पर हिंदी कविता " प्रकृति-प्रेम जगाना सीखो " :- प्रकृति प्रेम पर हिंदी कविता कभी बोकर देखो,एक बीज तुम,अपने घर के आँगन में।प्रकृति-प्रेम जगाना सीखो,अपने नित्य आचरण…
Meri Abhilasha Poem हर व्यक्ति के जीवन की कुछ न कुछ अभिलाषा अवश्य होती है। कोई धन मांगता है कोई वैभव मगर एक इंसान की सच्च्ची कामना क्या होनी होती है? जानिए इस ( Meri Abhilasha Kavita ) मेरी अभिलाषा पर कविता में :- Meri Abhilasha Poem In Hindi मेरी…