इश्क सुकून है तो दर्द भी है। इश्क के भी दो रूप हैं। एक रूप तब दिखता है जब हम किसी की ख्वाहिश करते हैं। दूसरा इश्क वो है जिसमें हम तड़पते हैं। जिसमें कोई बिछड़ जाता है। कैसे आइये पढ़ते हैं इश्क पर हिंदी कविता में :-

इश्क पर हिंदी कविता

इश्क पर हिंदी कविता

न जाने कौन सा मोड़ ले रहा, ये बेदाग इश्क मेरा।
यकीन तो है उन पर किंतु, फिर भी छाया घना अंधेरा।
गहराई में इश्क़ की कुछ यूँ पसरकर बैठी तन्हाई।
कि सिमट रही हैं बातें अब और न हो रहा है सवेरा।
न जाने कौन सा मोड़ ले रहा, ये बेदाग इश्क मेरा।

तन्हाई के आलम से बातों का सिलसिला यूँ मिटा।
कि वो ही मसगूल हुए कहीं जो खुद ही थे रचयिता।
कुछ खबर नहीं कहाँ खो गए देकर यादों का बसेरा।
बेचैनी बढ़ी है अंदर जैसे जल रही हो हमारी चिता।
न जाने कौन सा मोड़ ले रहा है, ये बेदाग इश्क मेरा।

कि जलते थे कभी जो गर देखा किसी गैर का चेहरा।
उनका ही हरपल मुझ पर डाला रहता था अपना पहरा।
हम तो बेखबर थे न जाने ये इश्क फिर क्या मोड लाया
जीवन में कोई पहाड़ टूटा और मच गया है खूब खलेरा
न जाने कौन सा मोड़ ले रहा, ये बेदाग इश्क मेरा।

सपना हमने ही सजाया कि पहनेंगे उनके नाम का सेहरा।
न सोचा था गमों से भरा होगा हमारा यह प्यार का डेरा।
थक गया,हार गया हूँ मैं अब हो गया हूँ अधमरा इश्क़ में
कोई सुध नहीं रहती अपनी अब घूम रहा हूँ बनके बहरा
न जाने कौन सा मोड़ ले रहा है, ये बेदाग इश्क मेरा।

पढ़िए :- इश्क पर कविता | इश्क़ में धड़कनें फिर मचलने लगी


रचनाकार का परिचय
हरीश चमोलीमेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

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धन्यवाद।

This Post Has 2 Comments

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    ✍️shyam bildani 'sadhgi' Bandera.Amravati.(Maharashtra)

    Harish ji aapki prem ki gajal likhi hain.baht bahut shbhkamnye harish ji.aapne bahut hi shandaar rachna likhi hain aapne.main bi ek kavi hu.jaeaab milte hi mer no par baat jarur karna.ok.by.by.shubh raat☺.

  2. Avatar
    Harish chamoli

    धन्यवाद आदरणीय श्याम जी , आपकी सुंदर सी प्रतिक्रिया हेतु।
    मुझसे संपर्क करने हेतु आप मुझे +919389154139 पर फोन कर सकते हैं।

    सादर
    हरीश चमोली

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