निमिषा जी का एक कविता संग्रह, व अनेक सांझा काव्य संग्रहों में रचनाएं प्रकाशित हैं। इसके साथ ही अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं की वेबसाइट पर कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।

उनकी रचनाओं के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है जिनमे अमृता प्रीतम स्मृति कवयित्री सम्मान, बागेश्वरी साहित्य सम्मान, सुमित्रानंदन पंत स्मृति सम्मान सहित कई अन्य पुरुस्कार भी हैं।

हिंदी कविता साहित्यकार | Hindi Kavita Sahityakar

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता साहित्यकार हिंदी कविता साहित्यकार कितना कुछ जानते हो तुम साहित्यकार! कदमों की चाल से नाप लेते हो थकान.. भांप लेते हुए आंखों की कोर में. .. सफाई से छुपाया गया एक रेगिस्तान। पहचान लेते हो बदलते मिजाज की कड़वाहट.. बदल जाते हो उसी क्षण…

Continue Readingहिंदी कविता साहित्यकार | Hindi Kavita Sahityakar

हिंदी कविता सफलता | Hindi Kavita Safalta

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता सफलता :- हिंदी कविता सफलता बुझ रहे हो दीयें सारे, ओट कर.. जलाए रखना। जल विहीन भूमि से भी, तुम....निकाल लोगे जल.. विश्वास को बनाए रखना। अंधकार व्याप्त हो.. सूर्य की तलाश हो, मार्ग जुगनूओं की रोशनी से तुम सजाए रखना। मुश्किलें मिले अगर,…

Continue Readingहिंदी कविता सफलता | Hindi Kavita Safalta

संगीत पर कविता | Sangeet Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं संगीत पर कविता :- संगीत पर कविता सरहदों में बंध जाए वह संगीत ही क्या! भाषाओं की बेड़ियां जकड़ ले वो गीत ही क्या! संगीत किसी संस्कृति सभ्यता में कैद हो जाए... असंभव है। कौन बांध पाया है नदियों की कल -कल को? कौन रोक पाया…

Continue Readingसंगीत पर कविता | Sangeet Par Kavita

हिंदी कविता मृगमरिचिका | Hindi Kavita Mrig Marichika

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मृगमरिचिका :- हिंदी कविता मृगमरिचिका मृगमरिचिका जीवन सारा तृष्णा में डूबा जाता है। तृष्णाग्रस्त हो खोया रहता , हाथ नहीं कुछ आता है। मरुभूमि में उज्जवल जल सा... बार-बार बहकाता है। कस्तूरी सा दिशाविहीन मन, भटका- भटका जाता है। रेत ,खार की परतों पर…

Continue Readingहिंदी कविता मृगमरिचिका | Hindi Kavita Mrig Marichika

हिंदी कविता मुकदमा | Hindi Kavita Mukadma

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मुकदमा :- हिंदी कविता मुकदमा संस्कृति ,सभ्यता, परंपराएं.. कटघरे में घबरायें, पेशी हैआज उनकी... आधुनिकता मुस्कुराए। निगल जाएगी वह जैसे आंखें उन्हें दिखाएं । घबराहट और डर से तीनों दम तोड़ती सी जाएं। मुकदमा पहला खोला, जोरदारी से है वह बोली, शोषण की लंबी…

Continue Readingहिंदी कविता मुकदमा | Hindi Kavita Mukadma

ब्लैक होल पर कविता | Blackhole Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं ब्लैक होल पर कविता :- ब्लैक होल पर कविता शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण शक्ति के स्वामी तुम, मंशा क्या है तुम्हारी? खींच लेते हो सारा उजास क्यों???? घुप्प............ अंधेरा ....... अंधे गहरे कुएं जैसे.....। भौतिक विज्ञान के सारे नियम बौने हो जाते हैं तुम्हारे आगे। विशालकाय तारे से…

Continue Readingब्लैक होल पर कविता | Blackhole Par Kavita

कविता नई स्त्री की खोज | Kavita Nayi Stree Ki Khoj

आप पढ़ रहे हैं कविता नई स्त्री की खोज :- कविता नई स्त्री की खोज सुनो स्त्रियों! हां ! तुम्ही से कुछ कहना है मुझे। ईश्वर ने चुना तुम्हें परीक्षा के लिए। उतरती रहीं खरी.. हर परीक्षा में तुम। धैर्य, दुख, शोषण, पीढ़ा अस्तित्व रहित रहकर भी जिया जीवन... आत्महत्या…

Continue Readingकविता नई स्त्री की खोज | Kavita Nayi Stree Ki Khoj

एसिड अटैक पर कविता | Acid Attack Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं एसिड अटैक पर कविता :- एसिड अटैक पर कविता क्यों किया तुमने ऐसा? झुलस गया मेरा चेहरा, तड़प उठी में राहों में.. फुल सा तन कुम्हला ही गया। सुंदरता दागी कर दी.. मेरी बर्बादी कर दी, कोसती हूं अब हर वो घड़ी.. वहशी जब तेरी नजर…

Continue Readingएसिड अटैक पर कविता | Acid Attack Par Kavita

हिंदी कविता धूमकेतु | Hindi Kavita Dhoomketu

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता धूमकेतु :- हिंदी कविता धूमकेतु आज.. तुम्हारे ही बारे में कुछ कहना है मुझे। जाज्वल्यमान, तेजस्वी पुंज से तुम... जब भी आते हो .. ब्रह्मांड की सैर करने, सूर्य की परिक्रमा लगा... अपने भीतर व्याप्त निराशाओं का दमन कर आशा का संचार करते हो।…

Continue Readingहिंदी कविता धूमकेतु | Hindi Kavita Dhoomketu

स्त्री पर हिंदी कविता :- स्त्रियों ने रोपा है बीज | Stree Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं स्त्री पर हिंदी कविता :- स्त्री पर हिंदी कविता सुनो! कुछ स्त्रियों ने रोपा है बीज.... हंसी का, उदासी की खाद में अश्कों की नमी मिला... गाड़ दिया है धरती में सदा के लिए। खुलकर हंसने के लिए उन्होंने ..... चुना है यह रास्ता.... ‌ क्योंकि…

Continue Readingस्त्री पर हिंदी कविता :- स्त्रियों ने रोपा है बीज | Stree Par Kavita

हिंदी कविता मेरे जाने के बाद | Kavita Mere Jaane Ke Baad

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मेरे जाने के बाद "- हिंदी कविता मेरे जाने के बाद बिखेर दिया है खुद को इस कदर मैंने ….. कि …. मैं ना मिल पाऊं गर तुम्हे … तो ढूंढ लेना मुझे …. मेरे गीतों और रचनाओं में। तुम पर प्रेम छलकाती…. कभी…

Continue Readingहिंदी कविता मेरे जाने के बाद | Kavita Mere Jaane Ke Baad

कविताएं साथ चलती हैं | Kavitayen Sath Chalti Hain

आप पढ़ रहे हैं कविता " कविताएं साथ चलती हैं " कविताएं साथ चलती हैं अकेले ... रहने नहीं देती , साथ चलती हैं। निशब्द संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का.... संवाद बनती हैं। कलम में ताकत भर, स्मृतियों की आवाज बनती है। अंतर्मन के शोर को.. बाहर लाने के लिए एकांत…

Continue Readingकविताएं साथ चलती हैं | Kavitayen Sath Chalti Hain