कर्तव्य पर कविता :- धर्म से बड़ा कर्तव्य | Kartavya Par Kavita
आप पढ़ रहे हैं हरीश चमोली जी द्वारा रचित ( Kartavya Par Kavita ) कर्तव्य पर कविता " धर्म से बड़ा कर्तव्य " :- कर्तव्य पर कविता कोई जीवन में आगे बढ़ता, कोई पीछे रह जाता है।कोई ठोकर खाकर भी,हर बार संभल नहीं पाता है।जो सुप्त पड़े हर जन-जन में,एक…