आप पढ़ रहे हैं ( Utsah Badhane Wali Kavita ) उत्साह बढ़ाने वाली कविता “समय बहुत ही सीमित है”
उत्साह बढ़ाने वाली कविता
विषम परिस्थिति से न भागो तुम
कठिन परिश्रम में ही हित है,
तेरे हर क्षण की कीमत है
और समय बहुत ही सीमित है।
तुमसा नहीं कोई इस जग में
अपने हृदय की आवाज सुनो,
सफलता की हर एक गतिविधि
नहीं किसी के अनुसार चुनो।
बहरे बन जाओ उनके प्रति
जो पथ से तुम्हें भटकाते हैं,
त्यागते हैं सुख फूलों का
सच्चे पथिक कांटें अपनाते हैं।
विकल ध्वनि हृदय में गूंजती है
स्वप्न क्या है तुझसे पूछती है,
चुनौतियाँ जो पार कर सके
सफलता भी उसको ढूंढती है।
असफल होने पर निराश होकर
स्वयं को न कभी कम आंको,
उत्तर न मिले जो प्रश्नों का
हो शांत अंतर्मन झांको।
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नमस्कार प्रिय मित्रों,
मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।
क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।
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