Koyal Poem In Hindi | कोयल पर कविता – वह कोयल है | Koyal Par Kavita

Koyal Poem In Hindi – आप पढ़ रहे हैं कोयल पर कविता ” कूक कूक कर गाती है ” :-

Koyal Poem In Hindi
कोयल पर कविता

Koyal Poem In Hindi

ध्वनि जिसकी मनमोहक है
भोली भाली वह कोयल है,
बोली से सबका ह्यदय जीतकर
प्यारा सा गात जिसका कोमल है।

जीवन का सच्चा राग सुनती हैं
निस्वार्थ भाव से गाती है गीत,
उत्साह बढ़ाती थके पथिक का
सबके मन को तुम लेती जीत।

मूक नही कभी रहती है
पतझड़ हो या हो बरसात,
मधुर स्वर चारों ओर बिखेरती
प्रभात हो या हो अंधेरी रात।

कूक कूक कर गाती है
मृदुल सी जिसकी बोली है,
हरे भरे वृक्षों पर चढ़कर
रहस्य प्रकृति के खोली है।

सावन का जब होता आगमन
प्रफुल्लित तुम हो जाती हो,
खुशियों का अनमोल संदेशा
मानव जीवन में लाती हो।

पढ़िए :- चिड़िया पर कविता “ओ री चिड़िया”


नमस्कार प्रिय मित्रों,

सूरज कुरैचया

मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।

क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।

“ कोयल पर कविता ” ( Koyal Poem In Hindi ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *