पिता पर कविता – श्रद्धेय पिता जी | Pita Par Kavita
आप पढ़ रहे हैं ( Pita Par Kavita ) पिता पर कविता :- पिता पर कविता पूज्य पिता जी की,कोमल छांव को किन शब्दों में उल्लेख करूँ । निर्णय लिया आज जीवन की पुस्तक के उन,पन्नों को पढ़ लूं । प्रतीत ऐसा हो रहा, मैं अतीत आज, वर्तमान बना लूं…