आप पढ़ रहे हैं ( Maa Ki Yaad Kavita ) माँ की याद कविता :-
माँ की याद कविता
माँ तुम बिन क्या हाल हुआ
पल-पल सदियाँ कहती है,
लौट आओ तुम फिर से माँ
अखियों से नदियाँ बहती है,
तुम बिन कैसे जीते हैं सब
इक पल ये अहसास करो,
बिन तेरे घर घर ना रहा
मेरा ये विश्वास करो,
बच्चों का क्या हाल हुआ
ताने दुनिया कसती है।
लौट आओ तुम फिर से माँ
अखियों से नदियाँ बहती है।
चारों तरफ सन्नाटा पसरा
सुधबुध सबने खो दी है,
मरघट-सा यूँ लगने लगा
नैना खून के आँसू रो दी है,
रौनक घर की चली गई
कैसे दीप जलाऐ हम,
कौनसे रंग में रंगकर माँ
कैसे तुझे मनाऐ हम,
सिर पे रख दो हाथ सभी के
बहू-बेटियाँ कहती है।
लौट आओ तुम फिर से माँ
अखियों से नदियाँ बहती है।
कदमों की आहट सुनते ही
खुशियाँ अपरंपार मिले,
चोट लगे जो दिल पे तो
आँचल में वो ही प्यार मिले,
पैरों में तेरे जन्नत है माँ
कैसे ये बतलाऊं मैं,
दर्द भरे दिल को समझो
कैसे यूँ मुस्काऊं मैं,
फिर से छुपालो आँचल में
खामोशी ये ही कहती है।
लौट आओ तुम फिर से माँ
अखियों से नदियाँ बहती है।
पढ़िए :- माँ की याद कविता ” माँ तुम बहुत याद आती हो “
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