बाल गीत दो बहनें | Bal geet Do Bahne

बाल गीत दो बहनें बाल गीत दो बहनें सोच रहा था बहुत दिनों से मैं कुछ लिखना,एक थी लड़की जिसकी थी इक प्यारी बहना।दोनों बहने भोली-भाली दोनों सुन्दर,दोनों को ही मिले हुए थे एक-एक बन्दर।। बजा डुगडुगी दोनो बहनें खेल दिखातीं,छड़ी दिखाकर वो बन्दर को खूब नचातीं।दोनों बहने करती थीं…

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Teacher Day Kavita | टीचर डे पर कविता – गुरु महान

Teacher Day Kavita Teacher Day Kavita गुरु स्थान मन में ध्यान,धन्वी एकलव्य है महान,5-सितंबर दिवस महान,कर रहे याद गुरु महान। बिन गुरु न ज्ञान मिले,शिक्षा से शिक्षित हुए,गुरु कराये चरित्र निर्माण,बच्चे सबके बने महान। बना था हिन्द विश्व गुरु,हमें हो रहा देश पे गुरुर,गुरु को मिल रहा सम्मान,गुरु को शत-शत…

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बस्ते पर कविता – बहुत भारी बस्ता | Baste Par Kavita

बस्ते पर कविता बस्ते पर कविता शिशु है घर का गुलदस्ता,ढो रहा बहुत भारी बस्ता,खा रहा है स्कूल में पास्ता,जीवन हो गया है खस्ता। पीठ पर है बस्ते का भार,हो रहा अब जीवन भारसबके घर के हैं नौनिहाल,बुरा हो रहा उनका हाल। बच्चे जब स्कूल से आते,चेहरे उनके हैं उड़…

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हिंदी कविता मां की ममता | Hindi Kavita Maa Ki Mamta

हिंदी कविता मां की ममता हिंदी कविता मां की ममता सुबह एक दिन अपने घर मेंछत के एक अलग कोने मेंएक घोंसला सजा सलोनातिनकों के ताने बाने में मां की ममता का न्योछावर देखा मानो रसखानों में,मां लाती चुग चुग कर दानाबिखरे फैले मैदानों में चीं चीं करते चोंच खोलतेखाने को…

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ज्ञान पर कविता – ज्ञान अनमोल खजाना है | Gyan Par Kavita

ज्ञान पर कविता ज्ञान पर कविता ज्ञान अनमोल खजाना है बांट सका है कौन इसे ?न भाई बंधु जमाना है,अनमोल रतन है हर रत्नों में पर इसको नहीं छुपाना है। ज्ञान की ज्योति जले घर-घर मेंज्योति से ज्योति जलाना है,घर-घर महके ज्ञान की खुशबू ज्ञान का अलख जगाना है। ज्ञान बिना मानव जीवन…

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सुख दुख कविता – एक दिन सुख दुःख | Sukh Dukh Kavita

सुख दुख कविता सुख दुख कविता भेंट हुआ एक दिन सुख दुःख कादुःख ने खबर लिया तब सुख का,दुःख बोली ओ! प्यारी बहनाकितना मुश्किल तुमसे मिलना रहती कहां?नहीं हो दिखतीहर कोई चाहे तुमसे मिलना,सुख ने दुःख को,गले लगा करभर मन में मुस्कान,मनोहर, दीदी!तुम तो, बड़ी सयानीअपनी बीती,कहो कहानी,दुःख ने सुख…

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हिंदी पर कविता – शब्दों की हिंदी भाषा | Hindi Par Kavita

हिंदी पर कविता हिंदी पर कविता स्वर ध्वनि शब्दों की हिंदी भाषाअमृत धारा सी बह रही हैरगो में शीतल सरिता सी चलकरसांसों के सागर में बह रही है।   अनमोल कितना मधुरमयी है दुनिया भी तुमको पहचानती हैतेरी प्रसंशा का राग की धुनसुबह सवेरे खूब बज रही है।  अरमान अभिमान सम्मान वैभवगौरव…

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लालसा पर कविता – लालसा न चाह की है | Lalsa Par Kavita

लालसा पर कविता लालसा पर कविता लालसा न चाह की है,जीवन में कुछ पाने को लालसा न बड़ा बनू,न बहुत कुछ कर जाने को छीन कर खुशियां किसी की,रोटियां दो वक्त की  मैं चलूं तारों को लाने,छोड़ इन्हें मर जाने को धिक्कार है जीवन को ऐसे,धिक्कारता हूं लोग को जो…

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गाँव की याद पर कविता | Gaanv Ki Yaad Par Kavita

गाँव की याद पर कविता गाँव की याद पर कविता यूँ ही बैठे-बैठे ख्याल आ गया,कि मन में हमारा गाँव आ गया।वो बचपन की मस्ती भरे रात-दिन,ये देखो मैं महुआ की छांव आ गया।। वो खेतों में जाना, वहां काम करना,मिले जब भी मौका तो भैसें चराना,कबड्डी, पकिल्लो, गुड़ी डण्डा,…

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अनुगति कविता – पंचभूत से निर्मित ये तन | Anugati Kavita

अनुगति कविता अनुगति कविता पंचभूत से निर्मित ये तनअनुगति में सोता है।भ्रमण आत्मा का लेकिनजनम जनम का होता है।। मोहमाया के जाल में फंसकरखोता नित निज स्मृतियाँपूर्व जन्म के कर्मों से फिरलिखता नित निज नवकृतियाँसुखदुख के चक्रों में उलझ केखुद हंसता खुद रोता हैपंचभूत से निर्मित ये तनअनुगति में सोता…

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कृष्ण बाल लीला कविता | Krishna Bal Leela Kavita

कृष्ण बाल लीला कविता कृष्ण बाल लीला कविता अब आन बसौ मोहन मन में,तेरी सूरत मन को भावत है। बचपन में तू जीवन की सबै,खूब लीला करत दिखावत है। ठुमकत चलत बजै पैजनिया,तन मन में प्रीति जगावत है। किलकारी मार हसत आगन,जग भर में सबै हसावत है। बचपन का तेरा रूप सलोना,चंचल…

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मकसद पर कविता | Maksad Par Kavita

मकसद पर कविता मकसद पर कविता ज्ञान मंजिल तक पहुंचाता है पर मंजिल का पता हो ध्यान मकसद तक ले जाता है अगर ध्यान मकसद पर डटा हो  चूर चूर हो जाते हैं सारे सपने जब मार्ग ही लापता हो इच्छाएं सपने उद्देश्य पूरे होते हैं जब खुद में समर्पण की दक्षता हो  कहते हैं कर्म…

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