एक सुंदर कविता – सुंदर हो जब चरित्र | Ek Sundar Kavita
एक सुंदर कविता - आप पढ़ रहे हैं बिमल काका गोलछा "हँसमुख" जी की एक सुंदर कविता " सुंदर हो जब चरित्र " एक सुंदर कविता चित्र से भी सुंदर हो जब चरित्र,धब्बा लगे ना, हो पावन पवित्र।सबके दिल बसे वो अलौकिक,ऐसा चरित्र जब मिलेगा सर्वत्र।। भवन भी सुंदर हो…