जुदाई पर कविता | Judai Par Kavita | Poem On Separation

आप पढ़ रहे हैं ( Judai Par Kavita ) जुदाई पर कविता :- जुदाई पर कविता जिन्दा हूँ पर बेजान हो गया हूँबिना तेरे वीरान हो गया हुँ,घर की रौनक खो गई है कहींजैसे सूना मकान हो गया हूँ ।। मौसम है ये इश्क़ मे जुदाई कातुझ बिन सूखा मैदान…

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संगीत दिवस पर कविता | Sangeet Diwas Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं 21 जून को मनाए जाने वाले ( Sangeet Diwas Par Kavita ) संगीत दिवस पर कविता :- संगीत दिवस पर कविता आना है और चलें जाना है! जीवन का चलन पुराना है!! जीवन का नहीं ठिकाना है! जन्म लिया तो मर जाना है!! गाना और बजाना…

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कविता सारी उम्र गुजारी हमने | किसान के दर्द पर कविता

आप पढ़ रहे हैं ( Kavita Sari Umra Gujari Humne ) किसान के दर्द पर कविता सारी उम्र गुजारी हमने :- कविता सारी उम्र गुजारी हमने सारी उम्र गुजारी हमने, किसान बन खेती करने में। शीत,ताप सब सहते है, पीछे नही श्रम करने में। भोर हुई निकल पड़ते, ले कुदाली…

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हिंदी कविता मेरे हमदम | Hindi Kavita Mere Humdum

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Mere Humdum ) हिंदी कविता मेरे हमदम :- हिंदी कविता मेरे हमदम आ जा रे मेरे हमदम। साथ देना मेरा हरदम। नही छोडना कभी मेरा हाथ। जीवन भर निभाना मेरा साथ। मानते रहोगे मेरी बात। नही मिलेगी कभी मात। भूलती हूं तेरी संग…

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Paryavaran Par Kavita | पर्यावरण पर कविता | Save Environment

आप पढ़ रहे हैं ( Paryavaran Par Kavita ) पर्यावरण पर कविता :- पर्यावरण पर कविताParyavaran Par Kavita शस्य-शस्य द्रुम दल हैंवसुन्धरा का आवरणप्रकृति से सौगात मिलीकिया धरा ने सहर्ष वरण ।। सघन वनों से सजी अवनि थीआलौकिक, मोहक था संसारखिलते,मुस्काते थे सुमन अनंतअलि, कलियाँ संग करते,मृदुल झंकार। तृप्ति,स्मित,रश्मियों के…

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फूल और कांटे कविता | Phool Aur Kante Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Phool Aur Kante Kavita ) फूल और कांटे कविता:- फूल और कांटे कविता जन्म लिया एक पौधे में, एक थी शाखा, पौधे ने फूल, कांटों को, था एक सा पाला। बरसीं थीं एक सीं, घटाएँ भी उन पर, हवाएँ भी एक जैसी, बहतीं रहीं मुस्कुराकर।…

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हिंदी कविता बड़ा अभिमान था | Kavita Bada Abhiman Tha

आप पढ़ रहे हैं ( Kavita Bada Abhiman Tha ) हिंदी कविता बड़ा अभिमान था :- हिंदी कविता बड़ा अभिमान था रूप लावण्य पर कभी नाजो गुमान था। सुन्दर देह पर कभी बड़ा अभिमान था।। ली करवट जिन्दगी ने, प्राणो ने तज दिया शरीर।सन्नाटे का आलम था, सबकी भावभंगिमा थी…

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Samay Par Kavita | समय पर कविता | Inspirational Poem On Time

Samay Par Kavita आप पढ़ रहे हैं ( Samay Par Kavita ) समय पर कविता :- समय पर कविताSamay Par Kavita समय समय का फेर है, समय बड़ा बलवान।काबा लूटी गोपियां, वही अर्जुन वही बाण। समय की कीमत जान, होता है बड़ा मूल्यवान।चिड़िया चुग गई खेत, फिर पछताए किसान। समय…

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गंगा जी पर कविता :- गंगा नदी ही नहीं है | Ganga Ji Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं गंगा जी पर कविता :- गंगा जी पर कविता गंगा नदी ही नहीं है, हमारी संस्कृति का प्रतीक है।। गंगा के प्रवाह में विहित ऊर्जा की वह दिव्य शक्ति है।। गंगा की वेदना ... कही नहीं जाती हैं, वह दिन पे दिन प्रदूषित होती जाती हैं।।…

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हिंदी कविता चन्दा मामा | Hindi Kavita Chanda Mama

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता चन्दा मामा :- हिंदी कविता चन्दा मामा चंदा मामा चन्दा मामा चन्दा मामा! अब तो सूरज ढल गयी है निकलो मामा!! चंदा मामा चन्दा...........! आसमान में घना अंधेरा छाया देखो! निशा ने घनघोर अंधेरा लाया देखो!! चंदा मामा चन्दा........! गोल-मटोल चेहरा अपना दिखलाओ मामा!…

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बुद्ध पूर्णिमा पर कविता | Buddha Purnima Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं बुद्ध पूर्णिमा पर कविता  :- बुद्ध पूर्णिमा पर कविता संसार के ख़ातिर जो त्यागें ख़ुद की इच्छा, बुद्ध वही हैंत्यागकर महलों की सुविधा मांगें भिक्षा, बुद्ध वही हैंमानव के कल्याण ख़ातिर ले ले दीक्षा, बुद्ध वही हैंप्रयास से जिसके जगत की दूर हो तृष्णा, बुद्ध वही…

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कविता सोच रही हूँ मैं | Kavita Soch Rahi Hu Main

आप पढ़ रहे हैं कविता सोच रही हूँ मैं :- कविता सोच रही हूँ मैं सन्नाटे में किसकी आवाज़ सुनाई देती है अंधेरे में क्यों आहट महसूस होती है तनहा दीवारें क्यों चिल्ला रही जाने किसकी यादें कानों में गूंज रही डर से दोस्ती अच्छी नहीं पता था मुझे पर…

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