संगीत दिवस पर कविता | Sangeet Diwas Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं 21 जून को मनाए जाने वाले ( Sangeet Diwas Par Kavita ) संगीत दिवस पर कविता :-

संगीत दिवस पर कविता

संगीत दिवस पर कविता

आना है और चलें जाना है!
जीवन का चलन पुराना है!!

जीवन का नहीं ठिकाना है!
जन्म लिया तो मर जाना है!!

गाना और बजाना है!
जीवन एक तराना है!!

यीशु के प्रार्थना में है, संगीत!
ईश्वर के अराधना में है, संगीत !!

सर-सर करते हवाओं में संगीत!
सभी दशों दिशाओं में संगीत!!

सा,रे ग,मा पा धा नि से,
जीवन में राग बना!

और दो दिलों के मेल से,
अमर प्रेम अनुराग बना!!

संगीत के सात स्वरों से,
मधुर-मधुर सरगम बना!

कजरी,सुआ,झुला,हिन्डोला,
आल्हा जैसे गीत बना!

संगीत ने अंग-अंग में उमंग भरा!!
और उसनेे ही जीवन में मेरा रंग भरा!!

सुरों के साथ-साथ ताल से ताल मिलाओ!
पैरों को थिरकाओ हाथों को घुमाओ!!

झुमो नाचों गाओ कमर तो मटकाओ!
मधुर संगीत बज रहीं, थोड़ा गुनगुनाओ!!

खुशी,गम,प्यार नफरत में संगीत!
जीवन के हर पहलुओं में संगीत!!

संगीत जीवन का एक अंग है!
संगीत के बीना दुनिया बेरंग है!!

प्रगीत है,वीना के तारों में, बजते शंख में!
उड़ते हुए पक्षियों के फड़फड़ाते पंख में!!

संगीत है तो होंठों पर लाए खुशियां!
संगीत नहीं तो मन में छा जाए
उदासियां!!

दुःख, दर्द, पीड़ा सब भूल जाए!
संगीत के मधुर रस में मिल जाए!

उत्सव, मेले, त्यौहारों में रौनक बिखेरे संगीत!
खिलखिलाती मुस्कान हर चेहरे में संगीत!!

कभी ढोल नगाड़ा बजते है!
अरमानों के सपने सजते है!!

पुजा, अर्चना, छठ्ठी,शादी और त्यौहारों में!
हवाओं में फिजाओं में सावन के बहारों में!

झर-झर करते झरनों में संगीत!
बादलों के गर्जनो में संगीत!!

नब्जो में बहती रक्त स्पंदन में संगीत!
धक-धक करते धड़कन में संगीत!!

मधुर स्वर बहती बांसुरी और सितारों में!
वीना, तानपुरा, तंबुरा वाद्य के झनकारों में!!

पर्वत गाते,धरती गाती फसलें गाती!
कल-कल बहती करती नदियां गाती!!

वर्षा के गिरते बूंदों पर संगीत!
हर दिलों में जिन्दा है संगीत!!

जीव के जन्म में जीव के मरण में संगीत!
मंगलगीत, लोकगीत नामकरण में संगीत!!

प्रकृति के कण-कण में है संगीत!
जीवन के क्षण-क्षण में है संगीत!!

पढ़िए :- खेल दिवस पर कविता | खेल में बन जाता हैं इंसान


बिसेन कुमार यादव

यह कविता हमें भेजी है बिसेन कुमार यादव जी ने गाँव-दोन्देकला, रायपुर, छत्तीसगढ़ से।

“ संगीत दिवस पर कविता ” ( Sangeet Diwas Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *