आप पढ़ रहे हैं कविता बरसो मेघा प्यारे :-
कविता बरसो मेघा प्यारे
भयंकर गर्मी चहूं ओर, त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे सारे।
मोर बोले मेव आओ-मेव आओ,अब तो बरसो मेघा प्यारे।
उमड़ घुमड़ कर आओ, कर दो वारे-न्यारे।
ताल-तलैया सब भर दो, खूब बरसो मेघा प्यारे।
गगन में तेज गर्जना, चमके बिजली टमटम करते तारे।
चारों और छाये अंधेरा, मूसलाधार बरसो मेघा प्यारे।
वर्षा की बौछारों से,खूब हर्षे किसान बच्चे प्यारे।
सब गाते मस्ती में तराने, जल्दी बरसो मेघा प्यारे।
वन उपवन महक उठे, नवाकूंर व फूल खिले सारे।
बागों में कोयल कूंके, झमाझम बरसो मेघा प्यारे।
वर्षा जल अमृतधारा से, प्रकृति में दिखते कहीं नजारे।
हरियाली छाती चहूं ओर, जब बरसे मेघा प्यारे।
जीवन में उल्लास भरते, पेड़-पौधे पशु-पक्षी झूमते सारे।
अकाल को सुकाल बना दो, जमकर बरसो मेघा प्यारे।
पढ़िए :- बारिश पर कविता | सुन वर्षा रानी
रचनाकार का परिचय
“ कविता बरसो मेघा प्यारे ” ( Kavita Barso Megha Pyare ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
धन्यवाद।
Leave a Reply