प्रतिभा पलायन पर कविता | Pratibha Palayan Par Kavita
प्रतिभा पलायन पर कविता प्रतिभा पलायन पर कविता मन में है विदेशी नोट का ख्वाब,परदेशों की ओर हो रहा झुकाव,प्रतिभा पलायन का हो रहा बहाव,हो रहा राष्ट्र का क्यों बिखराव ? जिस मां की कोख ने जनम दिया,नहीं कभी उसकी परवाह किया,अर्थ लालच में परित्याग किया,राष्ट्र विकास अपना भुला दिया।…