प्रतिभा पलायन पर कविता | Pratibha Palayan Par Kavita

प्रतिभा पलायन पर कविता प्रतिभा पलायन पर कविता मन में है विदेशी नोट का ख्वाब,परदेशों की ओर हो रहा झुकाव,प्रतिभा पलायन का हो रहा बहाव,हो रहा राष्ट्र का क्यों बिखराव ? जिस मां की कोख ने जनम दिया,नहीं कभी उसकी परवाह किया,अर्थ लालच में परित्याग किया,राष्ट्र विकास अपना भुला दिया।…

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जीवन का सफर कविता | Jeevan Ka Safar Kavita

जीवन का सफर कविता - आप पढ़ने जा रहे हैं सदानन्द प्रसाद जी द्वारा रचित " जीवन का सफर " जीवन का सफर कविता कांटे भरा है पूरा रास्ता,कैसा है जीवन से वास्ता,जब पास नहीं रहे पैसा,जीवन का सफर है कैसा! बारिश में न बूंदें टपकी,किसी को न आई झपकी,भुखमरी…

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प्रभु पर कविता | Prabhu Par Kavita

प्रभु पर कविता - पढ़िए सदानन्द प्रसाद जी द्वारा रचित प्रभु पर कविता " प्रभु ने रचा है ऐसा संसार " :- प्रभु पर कविता प्रभु ने रचा है ऐसा संसार,जीवों के हैं अनेक प्रकार,सबके नहीं मिलते आकार,प्रभु हैं अद्भुत कलाकार। आप हैं ईश्वर निराकार,जीवों को बना दिया साकार,कैसा दिया…

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Bachpan Par Kavita | बचपन पर कविता

Bachpan Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं कवि सदानन्द प्रसाद जी की द्वारा रचित बचपन पर कविता " बचपन का वो क्षण-क्षण " :- Bachpan Par Kavita बचपन का वो क्षण-क्षण,मेरा मन करता था टन-टन,याद आया गांव का कण-कण,आज खुश नहीं है तन-मन। खेलते थे संग वो दिन सखा,सोचकर…

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Best Poem On Pen In Hindi | कलम पर कविता

Poem On Pen In Hindi - आप पढ़ रहे हैं कलम पर कविता " कलम हूं कलम मैं " :- Poem On Pen In Hindi कलम पर कविताकलम हूं कलम मैंअनोखी कलम हूं।  कोरा था कागजथी मंजिल सफर परचली चाल टेढ़ीपकड़ कर डगर को कभी हाथ जज केमुकद्दर लिखी हूंकभी…

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Hindi Ka Mahatva Par Kavita | हिंदी का महत्व पर कविता

Hindi Ka Mahatva Par Kavita - आप पढ़ने जा रहे हैं हिंदी का महत्व पर कविता :- Hindi Ka Mahatva Par Kavita हिंदी का महत्व क्या है- इक कुपढा मुझसे पूछता है, हिंदी के अपवादों के भीतर तर्क लग्न से खोजता है,हिंद-शब्द मुँह से फूट पड़ने पर  मुँह को अपने मसोसता…

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आधुनिक शिक्षा पर कविता | Adhunik Shiksha Par Kavita 

आधुनिक शिक्षा पर कविता | Adhunik Shiksha Par Kavita आधुनिक शिक्षा पर कविता शिक्षित से अच्छा अनपढ़ थाफिर भी शिक्षित से बढ़कर थाअपने अपनों का अपनापनसुशीतल मधुर सुधाकर था अब अनपढ़ से मैं शिक्षित हूंसंस्कारों से परिशिक्षित हूंफिर भी न जाने क्यूं खुद सेखुद ही खूब मैं लज्जित हूं …

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विश्व शांति दिवस पर कविता | Vishva Shanti Diwas Par Kavita

आप पढ़ने जा रहे हैं विश्व शांति दिवस पर कविता :- विश्व शांति दिवस पर कविता उठ रहे नभ में शिखाएंजल रही मंडल दिशाएंखुद लगाकर आग जलता दुष्कर्म छोड़ेगा नहीं,तू हार मानेगा नहीं। देख लो इतिहास अपनाहो गया सब खाक सपनाहाथ मलते चल पड़ोगे कुछ साथ जायेगा नहीं,तू हार मानेगा…

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बदलते रिश्ते कविता | Badalte Rishte Kavita

पढ़िए रामबृक्ष कुमार जी की " बदलते रिश्ते कविता " बदलते रिश्ते कविता अब तो रिश्तों पर भरोसा न रहा रिश्तों का रंगअपनों के संग होते हैं गाढ़ेसदा के लिएन होते दुरंग न होंगेकभी भीन बदलेंगे ये बनते रिश्ते, ये पवित्रअनमोलसुवाचमजबूत भरोसे पर टिका रिश्ता न रहा,अब तो रिस्तों पर भरोसा…

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विवाह पर हास्य कविता – बिन बुलाए मेहमान | Vivah Par Hasya Kavita

आप पढ़ रहे हैं रामबृक्ष कुमार जी द्वारा रचित विवाह पर हास्य कविता " बिन बुलाए मेहमान " विवाह पर हास्य कविता बड़े ठाठ से दावत खाने, पहुंचे गंगू भाईतन पर सूट बूट पांव में,टांग गले में टाई कभी घराती कभी बराती,ठन बन दौड़ मचातेठाट बाट से कौन पूछता,क्यों किसको…

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पन्ना धाय और पुत्र चंदन | Panna Dhai Aur Putra Chandan

पन्ना धाय और पुत्र चंदन - इतिहास में अमर है मेवाड़ के कुंवर उदय प्रताप ( महाराणा प्रताप )और पन्ना धाय की कहानी, मगर पन्ना के पुत्र चंदन की वेदना कोई न पढ़ सका। आप पढ़िए सरिता गर्ग 'सरि' जी की कलम से लिखी पन्ना पुत्र चंदन की कहानी और उसकी…

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पेड़ पर दोहे | Ped Par Dohe | Dohe On Tree

आप पढ़ रहे हैं अंशु विनोद गुप्ता जी द्वारा रचित " पेड़ पर दोहे " :- पेड़ पर दोहे 1.अपना चलन सुधार लो, हमें न काटे कोय।हमसे हरी-भरी धरा, हमसे भला न कोय । 2.हम हैं पेड़ हरे-भरे, हममें भी है जान।हमको सदा निखारिए, हम धरती की शान । 3.पर्यावरण…

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