पापा पर कविता :- जिनके हम बच्चे है | Papa Par Kavtia

आप पढ़ रहे हैं पापा पर कविता :- पापा पर कविता जिनके हम बच्चे है, वो कितने अच्छे है। मेरा अभिमान है पापा जी, मेरा स्वाभिमान है पापा जी, मेरे लिए मेरा आसमान है पापा जी, मेरी तो पहचान है पापा जी। हर गलती में थोड़ा सा डांटते है, ये…

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हिंदी कविता प्रेम कलश | Hindi Kavita Prem Kalash

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता प्रेम कलश :- हिंदी कविता प्रेम कलश प्रेम कलश ( प्रथम सर्ग -- प्रस्तावना ) प्राक्कथन -- " प्रेम कलश " शीर्षक की रचना , कल्पना जगत के आकाश से प्राप्त प्रेम कलश नामक कलश से उत्पन्न हुई है । प्रेम कलश की प्रेम…

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हिंदी कविता काल चक्र | Hindi Kavita Kaal Chakra

सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड काल चक्र से निर्मित एवं संचालित है ।सभी चर अचर काल चक्र के नियमानुसार गतिमान हैं । ब्रह्माण्ड में जड़,चेतन सभी का जीवन एवं सभी की गतिविधियाँ काल चक्र पर ही आधारित हैं। इन्हीं भावनाओं को प्रदर्शित करती हुई एक संक्षिप्त रचना " हिंदी कविता काल चक्र "…

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पिता के लिए कविता :- वह पिता हमारा | Pita Ke Liye Kavita

पुत्र के सम्बन्ध में माता का महत्व क्या होता है , इस पर बहुत कुछ लिखा गया और रचना की गई है। परन्तु पुत्र के सम्बन्ध में पिता का क्या महत्व है, इसे दर्शाती एक छोटी सी रचना " पिता के लिए कविता " प्रस्तुत है :- पिता के लिए…

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शब्द और भाषा पर दोहे | Shabd Aur Bhasha Par Dohe

भाषा और शब्द का महत्त्व बताते शब्द और भाषा पर दोहे :- शब्द और भाषा पर दोहे 1शब्द योग उत्तम रहे, कभी न काटें लीक।लय बाधित यदि है नहीं, तब रचना है ठीक।। 2भाषा के सौंदर्य से, मत लो पंगा यार।।उमर,उम्र दोनों सही, सही चुनो आधार।। 3कभी किसी भी बात…

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बदलते समय पर कविता :- समय का पहिया घूम रहा है

बदलते समय पर कविता :- वृद्धाश्रम जाने से पहले एक वृद्ध माँ-बाप उसके बच्चे के बीच के वार्तालाप पर कविता, बड़ी पीड़ा होती है वृद्धाश्रम देखकर, पर अगर ये वृद्धाश्रम ना होते तो? बदलते समय पर कविता समय का पहिया घूम रहा है, बदल रहे सब लोग,आपस का सब घटा…

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नवरात्रि पर कविता :- नवरात्रि की देखो बहार | Navratri Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Navratri Kavita In Hindi ) नवरात्रि पर कविता "नवरात्रि की देखो बहार" नवरात्रि पर कविता नवरात्रि की देखो बहार मैया जी बड़ी प्यारी लगे।। हो हो ओढ़ी चुनरिया लाल मैया जी बड़ी प्यारी लगे। माथे की बिंदिया चम चम चमके नाक नथनिया दम दम दमके।…

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मन की अभिलाषा कविता :- मन मेरे किसी मोड़ पर

आप पढ़ रहे हैं मन की अभिलाषा कविता :- मन की अभिलाषा कविता मन मेरे किसी मोड़ पर हार जाना नहीं, है कठिन पथ तेरा हर कदम आखिरी सांस तक भूल जाना नहीं। मन आशाओं की डोर रहा, जीवन हर्षित कल्पनाओं की ओर रहा। मन स्वप्न देखता रहता है, मन…

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जीवन साथी पर हिंदी कविता :- अर्धांगिनी | Jivan Sathi Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Jivan Sathi Par Hindi Kavita ) जीवन साथी पर हिंदी कविता " अर्धांगिनी " :- जीवन साथी पर हिंदी कविता रब ने बनाई जोड़ी। अर्धांगिनी, शर्मीली है थोड़ी। जीवन दो पहियों की है गाड़ी। प्रेम मशवरा से चले यह अगाड़ी। पत्नी के प्यार भरे बोल…

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रोटी पर कविता :- खानी है रोटी | Roti Par Kavita

इन्सान मेहनत करता है कि उसे सुकून से दो वक़्त की रोटी मिल सके। रोटी के कारण ही सारी दुनिया कुछ न कुछ काम करती है। लेकिन क्या होता है जब इन्सान की भूख सिर्फ रोटी तक ही नहीं रह जाती। बल्कि वो और भी कई चीजों की चाहत रखता…

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Balika Diwas Par Kavita | बालिका दिवस पर कविता :- लो आज फिर आया

Balika Diwas Par Kavita आप पढ़ रहे हैं बालिका दिवस पर कविता " लो आज फिर आया " :- Balika Diwas Par Kavita बालिका दिवस पर कविता लो आज फिर आया, विश्व बालिका दिवस।इसकी शुरुआत सन, 2012 से हुई हर वर्ष। बालिकाओं को जीवन जीने में, न आए बाधा।करे अपना…

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जीवन साथी पर कविता :- मेरे साथी साथ निभाना

जीवन साथी पर कविता मेरे साथी साथ निभाना। कभी ना टूटे यह याराना । हर राज का तू है राजदार। मेरे हर लेखे का तू है पक्का पहरेदार। तेरे मेरी‌ यादों के गीत पुराने। खुब याद करेगे सब मस्ताने। मेरे साथी साथ निभाना। कभी न टूटे यह याराना। मेरे दोषों…

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