आप पढ़ रहे हैं ( Swachata Par Kavita ) स्वच्छता पर कविता “भारत को स्वच्छ बनायें” :-

स्वच्छता पर कविता

स्वच्छता पर कविता

आओ मिलकर ,
भारत को स्वच्छ बनायें ।
गाँव प्रदेश देश को अपने ,
श्रम प्रकाश से चमकायें ।।

शहरों गाँवों की गलियों में ,
प्रायः गन्दगी भरी रहती ।
कूड़ा करकट के ढेर जहाँ ,
नित नयी नयी बीमारी पलती ।।
पानी भरा भरा ही रहता ,
घर से निकली नाली में ।
उपयोग खत्म होते ही ,
अपशिष्ट फेंकते नाली में ।।
सब जन जन अपने परिजन में ,
ज्ञान की राह दिखायें ।।1।।

आओ मिलकर ,
भारत को स्वच्छ बनायें ।
गाँव प्रदेश देश को अपने ,
श्रम प्रकाश से चमकायें ।।

स्वच्छता दीप हो जाय प्रज्जवलित ,
ऐसा हम सब कर दें ।
अज्ञान गन्दगी में रहते जो ,
स्वच्छता ज्ञान हम भर दें ।।
करें सफाई गलियों की हम ,
रहे सफाई नाली में ।
सब करें सफाई की बारिश ,
सभी घरों की प्याली में ।।
गली बागली रहें महकती ,
सभी स्वच्छ स्वच्छ हो जायें ।।२।।

आओ मिलकर ,
भारत को स्वच्छ बनायें ।
गाँव प्रदेश देश को अपने ,
श्रम प्रकाश से चमकायें ।।

स्वच्छता ज्ञान का ध्वज लेकर ,
अपने हाथों में चलना है ।
गन्दगी और अज्ञान समन्वित ,
दुश्मन से सबको लड़ना है ।।
कौन करे शुरुआत यहाँ पर ,
यह तनिक नहीं सोचो तुम ।
मन में लेकर संकल्प प्रबल ,
स्वच्छता क्षेत्र में खेलो तुम ।।
आओ इक अभियान चलायें ,
स्वच्छता गीत घर घर में फैलायें ,
गन्दगी कहीं ना रहने पाये ।।3।।

आओ मिलकर ,
भारत को स्वच्छ बनायें ।
गाँव प्रदेश देश को अपने ,
श्रम प्रकाश से चमकायें ।।

पढ़िए :- भारत देश पर कविता “मेरा भारत देश अनोखा है”


रचनाकार का परिचय

रूद्र नाथ चौबे ("रूद्र")नाम – रूद्र नाथ चौबे (“रूद्र”)
पिता- स्वर्गीय राम नयन चौबे
जन्म परिचय – 04-02-1964

जन्म स्थान— ग्राम – ददरा , पोस्ट- टीकपुर, ब्लॉक- तहबरपुर, तहसील- निजामाबाद , जनपद-आजमगढ़ , उत्तर प्रदेश (भारत) ।

शिक्षा – हाईस्कूल सन्-1981 , विषय – विज्ञान वर्ग , विद्यालय- राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबरपुर , जनपद- आजमगढ़ ।
इंटर मीडिएट सन्- 1983 , विषय- विज्ञान वर्ग , विद्यालय – राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबर पुर , जनपद- आजमगढ़।
स्नातक– सन् 1986 , विषय – अंग्रेजी , संस्कृत , सैन्य विज्ञान , विद्यालय – श्री शिवा डिग्री कालेज तेरहीं कप्तानगंज , आजमगढ़ , (पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर ) उत्तर प्रदेश।

बी.एड — सन् — 1991 , पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर , उत्तर प्रदेश (भारत)
साहित्य रत्न ( परास्नातक संस्कृत ) , हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश

पेशा- अध्यापन , पद – सहायक अध्यापक
रुचि – आध्यात्मिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ , हिन्दी साहित्य , हिन्दी काव्य रचना , हिन्दी निबन्ध लेखन , गायन कला इत्यादि ।
अबतक रचित खण्ड काव्य– ” प्रेम कलश ” और ” जय बजरंगबली “।

अबतक रचित रचनाएँ – ” भारत देश के रीति रिवाज , ” बचपन की यादें ” , “पिता ” , ” निशा सुन्दरी ” , ” मन में मधुमास आ गया (गीत) ” , ” भ्रमर और पुष्प ” , ” काल चक्र ” , ” व्यथा भारत की ” इत्यादि ।

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