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मन में मधुमास आ गया

मन में मधुमास आ गया

मेरे उर अन्तस्थल को,
जब से स्नेह मिला है तेरा ।
पतझड़ से नीरस मन में मधुमास आ गया।

बिखर रहीं थीं मन की लड़ियाँ ,
तुमनें उन्हें पिरो डाली ।
जिससे पहुँचूं स्नेह लक्ष्य तक ,
पथ आलोकित कर डाली ।।
अब जीवन लय संगीत बनेगा,
मन में यह विश्वास आ गया ।।1।।
पतझड़ से नीरस मन में मधुमास आ गया।

रूप प्रभा की आभा प्रेयसि ,
मन में इस तरह फैल रही है ।
जैसे गीत ज्ञान की गंगा में ,
कविता अविरल तैर रही है ।।
जो बिखर चला था जीवन में ,
वह सब मेरे पास आ गया ।।2।।
पतझड़ से नीरस मन में मधुमास आ गया ।

हृदय प्रदेश के खाली पन में ,
यादों के पौध लगा डाली ।
उर्वरक डाल कर संवादों की ,
कलियों को कुसुम बना डाली ।।
इस उपवन के सुगन्ध से,
मेरे छन्दों में अनुप्रास आ गया ।।3।।
पतझड़ से नीरस मन में मधुमास आ गया।

चाँदनी सुशोभित मस्तक प्रेयसि ,
नयनों में प्रश्न घूमते सारे ।
जगमगा रहे हैं नव यौवन में ,
तेरे सूरज चाँद सितारे ।।
सपनों की छाया मे अरी सुनयने !,
अब तेरा आकाश आ गया ।।4।।
पतझड़ से नीरस मन में मधुमास आ गया।

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रचनाकार का परिचय

रूद्र नाथ चौबे ("रूद्र")नाम – रूद्र नाथ चौबे (“रूद्र”)
पिता- स्वर्गीय राम नयन चौबे
जन्म परिचय – 04-02-1964

जन्म स्थान— ग्राम – ददरा , पोस्ट- टीकपुर, ब्लॉक- तहबरपुर, तहसील- निजामाबाद , जनपद-आजमगढ़ , उत्तर प्रदेश (भारत) ।

शिक्षा – हाईस्कूल सन्-1981 , विषय – विज्ञान वर्ग , विद्यालय- राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबरपुर , जनपद- आजमगढ़ ।
इंटर मीडिएट सन्- 1983 , विषय- विज्ञान वर्ग , विद्यालय – राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबर पुर , जनपद- आजमगढ़।
स्नातक– सन् 1986 , विषय – अंग्रेजी , संस्कृत , सैन्य विज्ञान , विद्यालय – श्री शिवा डिग्री कालेज तेरहीं कप्तानगंज , आजमगढ़ , (पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर ) उत्तर प्रदेश।

बी.एड — सन् — 1991 , पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर , उत्तर प्रदेश (भारत)
साहित्य रत्न ( परास्नातक संस्कृत ) , हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश

पेशा- अध्यापन , पद – सहायक अध्यापक
रुचि – आध्यात्मिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ , हिन्दी साहित्य , हिन्दी काव्य रचना , हिन्दी निबन्ध लेखन , गायन कला इत्यादि ।
अबतक रचित खण्ड काव्य– ” प्रेम कलश ” और ” जय बजरंगबली “।

अबतक रचित रचनाएँ – ” भारत देश के रीति रिवाज , ” बचपन की यादें ” , “पिता ” , ” निशा सुन्दरी ” , ” मन में मधुमास आ गया (गीत) ” , ” भ्रमर और पुष्प ” , ” काल चक्र ” , ” व्यथा भारत की ” इत्यादि ।

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