माँ के लिए गीत – माँ पुकारे बेटे तेरे | Maa Ke Liye Geet

माँ के लिए गीत माँ के लिए गीत माँ, पुकारे बेटे तेरे जल्दी से तुम आ जाओ।नयनो में जो प्यास जगी है आके उसे बुझा जाओ।। माँ, पुकारे बेटे तेरे…… दुर दुर से आए है सबजन तेरी झलक बस पाने को,सुबह से हो गई शाम रे मैया बैठे हैं भजन…

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मां के ऊपर कविता | Maa Ke Upar Kavita

मां के ऊपर कविता मां के ऊपर कविता माँ तुझको देवी रूप मेंस्वीकार कर लिया,तेरी हर बात का हमनेऐतबार कर लिया,चाहकर भी तुमसे दूररह ना पायेंगें हम कभी,काश हमको मिल जातेतुमसे वो अधिकार सभी,तेरी भक्ति के रंग मेंसरोकार कर लिया। माँ तुझको देवी रूप मेंस्वीकार कर लिया। एक जन्म नहीं…

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Dard Bhari Kavita | दर्द भरी कविता | Sad Poem Hindi

Dard Bhari Kavita आप पढ़ रहे हैं दर्द भरी कविता " दुःखी था मन " :- Dard Bhari Kavitaदर्द भरी कविता दुःखी था मन मेरा पर मैंराह में चलता चला गया,अपनों से जुड़ने की बजायटुकडों में बंटता चला गया। ना बुरा कहा ना भला कहाठुकरा दिया सब कुछ,उड़ने की तमन्ना…

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जननी पर कविता – प्रेम की अविरल नदी मैं | Janani Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं जननी पर कविता " प्रेम की अविरल नदी मैं " जननी पर कविता प्रेम की अविरल नदी मैंतु स्नेह का सागर है माँ,चीर कर दीर्घ लहरों कोमैं तुझमें मिलना चाहता हूँ, अंजुरी में ले शुभ्र कमलऔर पावन शुचित नीर,कर समर्पण खुद को मैंचरणों में उतरना चाहता…

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माँ को समर्पित कविता – माँ से है संसार प्रकाशित

आप पढ़ रहे हैं माँ को समर्पित कविता " माँ से है संसार प्रकाशित " - माँ को समर्पित कविता माँ से है संसार प्रकाशितमाँ में ईश समाया है।उस माँ को लाखों प्रणाम हैजिसने मुझे बनाया है।। मेरी बचपन की नादानीपर आँखों को मीचा है,बुद्धि, विवेक, ज्ञान के जल सेमाँ…

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Maa Ke Upar Kavita | माँ के ऊपर कविता

Maa Ke Upar Kavita Maa Ke Upar Kavita विपदाओं का करता स्वागतनित नित बाँह पसार कर,नव निर्माण करो अब माँबीता हुआ बिसार कर। सुख दुःख जीवन के साथी हैसंग गाते हँसते रोते हैछुपी हुई आशाओं सेधुंधली दृष्टि को धोते हैतेरी ममता की छाँव से मैंआया हूँ जग को हार करकद…

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Emotional Maa Par Kavita | माँ पर भावुक कविता

Emotional Maa Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं माँ पर भावुक कविता " माँ दर्द बहुत है सीने में " :- Emotional Maa Par Kavita वो पहले सी हसरत अबनहीं रही है जीने में।आँचल में अपने छिपा लेमाँ दर्द बहुत है सीने में।। दर-दर ठोकर खाई मैंनेपर पीड़ा को…

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मृत्यु पर कविता – प्राण परिंदा एक समान | Mrityu Par Kavita

Mrityu Par Kavita - जीवन की वास्तविकता और जीवन की बाद की वास्तविकता को दर्शाती हुई प्रवीण जी की " मृत्यु पर कविता " मृत्यु पर कविता प्राण परिंदा एक समानजिसको इक दिन उड़ जाना है।तुमने जो कर्म किये है जग मेंबस उनका ही ताना-बाना है।। पाप और पुण्यों का…

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Hriday Ki Vandana Kavita | हृदय की वंदना कविता

Hriday Ki Vandana Kavita - आप पढ़ रहे हैं हृदय की वंदना कविता :- Hriday Ki Vandana Kavitaहृदय की वंदना कविता करों को जोड़ कर हमनेलगाया ध्यान माँ का है,झुले माँ की बाँहों में सबअनुपम वात्सल्य माँ का है,नहीं मांगा कनक कुंदननहीं मांगा रत्न आभूषण,हृदय की वंदना से जोआशीष मांगा वो माँ का है।…

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Apno Par Kavita | अपनों पर कविता | Poem Dedicated To Family

Apno Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं माँ पापा की याद में कविता - Apno Par Kavitaअपनों पर कविता माँ-पापा के श्वास-श्वास कीमैं धड़कन सुन लेता हूँ,अपनों से पाके प्यार मुहब्बतयूँ कविता बुन लेता हूँ। घर की चार दीवारी में देखोसब हिस्से घूम रहे है,आँगन में चारों भाई-बहन केसब किस्से घूम रहे है, होंठों पे…

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कविता क्या लिखूँ | Hindi Kavita Kya Likhun

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Kya Likhun ) कविता क्या लिखूँ :- कविता क्या लिखूँ कुछ गहरा सा लिखना था, कविता से ज्यादा क्या लिखूँ ? कुछ कीर्तन सा लिखना था, आरती से ज्यादा क्या लिखूँ ? कुछ ठहरा सा लिखना था, दर्द से ज्यादा क्या लिखूँ ?…

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Pita Par Kavita | पिता पर कविता :- उपकार पिता के

आप पढ़ रहे हैं ( Pita Par Kavita ) पिता पर कविता :- पिता पर कविताPita Par Kavita उपहार पिता केगिनती करना मुश्किल है,उपकार पिता केगिनती करना मुश्किल है। नश-नश में जिसका रक्त बहेरहे स्वाभिमान से भरा-भरा,नभ भी मानो छोटा लगताघर आँगन हो हरा-हरा, इज्जत, शौहरत, रुतबे कादम भरतें है…

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