हिंदी कविता रक्त उबलते देख रहा हूँ | Kavita Rakt Ubalte
वर्ष 2021, गणतंत्र दिवस के मौके पर उपद्रवियों द्वारा लाल किले पर अभद्रता और हुड़दंग मचाने की घटना की कवि हृदय से भर्त्सना करती हुयी हिंदी कविता रक्त उबलते देख रहा हूँ :- हिंदी कविता रक्त उबलते देख रहा हूँ लाल किले की चिर प्राचीर के रक्त उबलते देख रहा…