नव वर्ष की कविता :- उत्साह है नव वर्ष का | Nav Varsh Kavita

आप पढ़ रहे हैं नव वर्ष की कविता :- नव वर्ष की कविता उत्साह है नव वर्ष का, उल्लास और हर्ष का। जाते वर्ष ने बहुत कुछ बताया, धैर्य संयम से हमें जीना सिखाया। कुछ ने इसमें नाम पाया, कुछ ने अपना काम खोया। खुशियों के भरे चारों तरफ कल…

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नया साल पर कविता :- नया साल आया है | Naya Saal Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Naya Saal Par Kavita ) नया साल पर कविता :- नया साल पर कविता नया साल आया है संग ये नई उमंगे लाया है, पिछले वर्ष दुःख मिले थे जो ये उन्हें भुलाने आया है। नए-नए सपने ये लाया है अब हमें इतिहास बनाना है,…

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हिंदी कविता बदलना अपना दृष्टिकोण | Badalna Apna Drishtikon

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता बदलना अपना दृष्टिकोण :- हिंदी कविता बदलना अपना दृष्टिकोण चलो स्वयं से निर्णय करें हम विपत्ति का खोजेगे समाधान। एकाग्र अगर हम हो सके तो पत्थर में प्रकट होंगे भगवान।। पथ में होंगे अनेकों अनुभव कभी चंचल मन मानेगा हार। प्रयास करना व्यर्थ ही…

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किस्मत पर कविता | Kismat Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं किस्मत पर कविता :- किस्मत पर कविता क्या है ये क़िस्मत ? सोचो तो सोचते रह जाओगे पुछो तो पूछते रह जाओगे कि क्या है क़िस्मत पर क्या है क़िस्मत ? कोई दुखी होता है तो कहता है मेरी क़िस्मत ख़राब है किसी को कोई चीज…

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हिंदी कविता हाशिए पर बेटियां | Kavita Hashiye Par Betiyaan

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता हाशिए पर बेटियां :- हिंदी कविता हाशिए पर बेटियां टूटे कंधे और कटी ज़बान, वस्त्र, गुप्तांग हैं लहुलुहान देह पर नाखूनों के निशान मैं दलित बेबस, बेजुबान। दबोची गई गरदन,रीढ़ पर वार आत्मा की अनसुनी चीत्कार हिंसक रेप, कटाक्षों की बौछार जातीय चक्की में…

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अन्नदाता पर कविता :- इस देश का अन्नदाता

आप पढ़ रहे हैं ( Annadata Par Kavita ) अन्नदाता पर कविता :- अन्नदाता पर कविता इस देश का अन्नदाता चारों तरफ से बेहाल है, कोई पूछने वाला नहीं उनके क्या हाल हैं। किसान सड़क पर कब से बैठे हैं, इतनी भयंकर सर्द ठंड में भी डटे हैं। जिसका अन्न…

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हवा पर छोटी कविता | Hindi Poem On Air | Hawa Par Kavita

Hindi Poem On Air आप पढ़ रहे हैं हवा पर छोटी कविता :- Hindi Poem On Airहवा पर छोटी कविता नदियों से बहते हुएपहाड़ों को छू कर, झाड़ियों से झगड़ करझरनों से सिमटकर। पक्षियों को आकाश में दौड़ाकरकुछ कहती है, पास आकरकानों में फूस-फुसाकरगालों से टकराकरकुछ कहती है, सुनो पास…

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हिंदी कविता जीवन एक संघर्ष | Kavita Jeevan Ek Sangharsh

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Jeevan Ek Sangharsh ) हिंदी कविता जीवन एक संघर्ष :- हिंदी कविता जीवन एक संघर्ष दूर बैठी कोने में चुपचाप सहमी-सी, अचानक इधर उधर देखती है। शायद कोई परेशानी थी उनको या कोई परेशान कर रहा था, शायद बच्चे थे ..... पर बिना…

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कविता उसने मेरा नाम पूछा | Usne Mera Naam Puchha

आप पढ़ रहे हैं कविता उसने मेरा नाम पूछा :- कविता उसने मेरा नाम पूछा पड़ोस के मकान में रहने के लिए, एक विदूषक व्यक्ति आया था! याद है शायद उसने मुझे , अपना नाम नरेश शर्मा बताया था!! जो जरूरी था वो हमसे पूछना भूल गए! हम भी अपना…

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हिंदी कविता पुकार संविधान की | Kavita Pukar Samvidhan Ki

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता पुकार संविधान की :- हिंदी कविता पुकार संविधान की जन्मा मैं सन 1949 में। 1950 में आँख खुला।। न्याय में आस पनपता देख। कन्धा मेरा भरा रहा।। पुकारते थें जो संविधान कहकर। आज उसका अर्थ पलट गया।। नियमों की पोथी भर रह गई। अब…

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कविता संविधान पर | Hindi Kavita Samvidhan Par

आप पढ़ रहे हैं कविता संविधान पर :- कविता संविधान पर जब सन 47 में हुआ था, स्वतंत्र राष्ट्र मेरा। मिले विधान इसको अपना, तब होगा नया सवेरा।। वामपंथी आंदोलन नेता ने, सन 34 में दिया सुझाव मेरा। उनके पीछे मांग उठाई कांग्रेस, सन् 35 में हो गठन मेरा।। नेहरू…

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हिंदी कविता बेबसी का ज्ञान | Hindi Kavita Bebasi Ka Gyan

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता बेबसी का ज्ञान :- हिंदी कविता बेबसी का ज्ञान बहुत दिनों की बात है जब देखा मैंने खुद लाचारी को..... शब्द नहीं है कहने के लिए ..... क्या ऐसा भी होता है ?? कीचड़ और अन्न का भेद मिटाता हुआ एक बुजुर्ग ..... गन्दगी…

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