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नए साल पर हिंदी कविता

नए साल पर हिंदी कविता

गुलशन महका, चमन महका
महक रही हर डाली डाली,
मन की बगिया में नए फूल खिले हैं
फिजा भी चल रही है मतवाली।

साल पुराना बीत गया चाहे जैसा भी था
अब नए साल पर मनाओ सब खुशहाली,
गुलशन महका, चमन महका
महक रही हर डाली डाली।

न घबराओ खुल कर तुम मुस्काराओ
नए साल में नई खुशियांँ हैं मिलने वाली,
खेतों में फैलीं हरियाली लगती कितनी प्यारी
सरसों पर गिर रही ओस भी कितनी है निराली,
गुलशन महका, चमन महका
महक रही हर डाली डाली।

पुराना साल गया अब नया साल है आया
कोहरा छंट गया अब धूप निकलने वाली,
गुलशन महका, चमन महका
महक रही हर डाली डाली।

पढ़िए :- नया साल पर कविता | नया साल आया है


रचनाकार का परिचय

प्रीति गौतम

यह कविता हमें भेजी है प्रीति गौतम जी ने लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश) से।

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This Post Has One Comment

  1. Avatar
    Ramakant chaudhary

    Preeti ji bhut sunder kavita likhi aapne badhai ho.

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