मंजिल पर कविता | Manjil Par Kavita
आप पढ़ रहे हैं मंजिल पर कविता :- मंजिल पर कविता सबको याद रखना है, अपनी अपनी मंजिल। जीवन में आए है, तो हासिल करना है मंजिल। मंजिल दर मंजिल, चढ़ते जाना है हमें। पर अपनी जड़ों को, याद रखना पड़ेगा हमें। वैसे मंजिल पाना, होता नहीं आसान। पर लगातार…