नारी शक्ति पर हिंदी कविता | Nari Shakti Par Hindi Kavita

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नारी शक्ति पर हिंदी कविता

नारी शक्ति पर हिंदी कविता

ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति – नारी,
जिसे मिली अलौकिक शक्ति निराली है

सृजन करने की क्षमता जिसमें,
असीम ममता आंचल में उसके समाई है।

हाँ! वह नारी है, जो सब पर भार नहीं
बल्कि सम्मान हक की अधिकारी है।

नारी केवल सौंदर्य और प्रेम की प्रतिमूर्ति ही नहीं,
अपितु घर, समाज और संस्कृति की धरोहर,
वही वंशधारी है।

अनुराग, स्नेह, प्रेम और वात्सल्य से परिपूर्ण,
वह बेटी, बहन, मां और
अर्धांगिनी की हिस्सेदारी है।

नारी केवल सुंदर अप्सरा उर्वशी या तिलोत्मा ही नहीं,
बल्कि समय आने पर तेज धार सी कटार,
वह लक्ष्मी बाई है।

सहनशीलता की मूर्ति यह सीता है,
तो अन्याय के विरुद्ध खड़ी होने वाली चण्डी –
दुर्गा रूप धारिनी है।

नारी केवल धैर्य, धीरज और संवेदनशील ही नहीं,
बल्कि वह अदम्य साहस, शौर्य और निर्णय लेने में,
क्षमताधारी है।

लक्ष्य अब उसका केवल घर-चौका
आंगन लेपना ही नहीं,
बल्कि विश्व पटल पर अपने योगदान से,
उसका निरंतर परिवर्तन लाना ज़ारी है।

इतिहास के पन्नो में भी उसने,
अपनी बहादुरी और साहस का प्रदर्शन कर
जिम्मेदारी निभाई है।

रानी दुर्गावती, चेन्नम्मा, होलकर
जैसी वीरांगनाओं ने,
देश पर कुर्बान हो
अदम्य साहस की झलक दिखाई है।

समाज सेवा में सावित्री फूले,
मदर टेरेसा, मेधा पाटकर, अरुणा रॉय ने,
मानवता दिखाई हैं।

देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हो,
श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने
हम सभी की शोभा बढ़ाई है।

नारी ने भूमि से गगन तक
अपनी प्रतिभा दिखाई है –

हिमालय की चोटी को छूने वाली,
बछेंद्री पाल ने
प्रबल साहस दिखा,
वाह वाही पाई है।

अंतरिक्ष पर भ्रमण करने वाली
कल्पना चावला व सुनीता विलियम्स ने
बहादुरी दर्शायी है।

राजनीति में मैडम कामा,
श्रीमती इंदिरा और सुषमा स्वराज ने
अपनी कार्य कुशलता दिखाई है।

खेल के क्षेत्र में उड़न परी पी टी उषा,
सानिया मिर्जा, मैरी कॉम ने
झंडे गाड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

कला हो या विज्ञान
नारी ने सब में अपनी छटा बिखराई है।

लता मंगेशकर, सोनल मानसिंह, मृणालिनी
और शकुंतला देवी ने
अपनी कला दक्षता दिखाई हैं।

नारी ने प्रत्येक क्षेत्र में बखूबी
अपना दायित्व संभाल,
अपना परचम लहरा,
अपनी जीत की धुन बजाई है

अब नारी केवल अबला नहीं
बल्कि सबला बन
हर क्षेत्र में उसने तरक्की पाई है –
उसके नारीत्व पर उसे बधाई है।

हाँ! वह नारी है,
जो सब पर भार नहीं,
बल्कि सम्मान हक की अधिकारी है।


रचनाकार का परिचय

बिनीता नेगी

नाम: बिनीता नेगी
शिक्षा: एम. ए. बी. एड.( अंग्रेज़ी)

बिनीता जी एक गुज्जू पहाड़ी है, जो मूल निवासी पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड से हैं परंतु बचपन से पिछले एक साल तक गुजरात में रही हैं। इसी वर्ष ओरिसा में आई हैं। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में २२ साल का तजुर्बा हैं। वे विद्यालय की हेड मिस्ट्रेस रह चुकी हैं। लिखना उनकी रुचि रही है। उनकी रचनाएं सांझा काव्य संग्रहों में प्रकाशित हुई हैं।
उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उनकी संस्था से कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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धन्यवाद।

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8 Responses

  1. Avatar Anushka says:

    Incredible written ma’am!!

  2. Avatar Shikha Rai says:

    Dil ko chu gai aapki kavita ❤️

  3. Avatar Ruchi Mehta says:

    Mam Awoesome poem. Lovely man

  4. Avatar देवेश शर्मा says:

    बहुत ही सुंदर रचना है बिनीता जी । अप्रतिम कविता

  5. Avatar Nisha Rai says:

    Aptly and beautifully worded poem sending a strong message across the society.
    loved it .
    All her poems are very contemporary and thoughtfully versed .

  6. Avatar Saini says:

    ✍️

  7. Avatar Kalpana Sharma says:

    Too good , meaningful poem is written by you and it is heart touching and really women are deserving the words which are mentioned in the poem

  8. Avatar Kalpana Sharma says:

    It was too good , meaningful and heart touching poem and really women deserves each word mentioned by you in the poem

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