जिंदगी की परिभाषा को बताती हुयी ब्रिजना शर्मा जी द्वारा लिखित हिंदी कविता ज़िन्दगी पर “पढ़ो तो किताब है जिदंगी” :-

हिंदी कविता ज़िन्दगी पर

हिंदी कविता ज़िन्दगी पर

पढ़ो तो किताब है जिदंगी
लिखो तो किस्सा है जिदंगी,

लड़ो तो संघ॔ष है जिदंगी
जीतो तो परिणाम है जिदंगी,

दुःख में विरान है जिदंगी
खुशी में बहार है जिदंगी,

अपने संग तो आराम घर है जिदंगी
अकेले तो काम मकान है जिदंगी,

ज्ञान तो रोशन है जिदंगी
अज्ञान तो अंधकार है जिदंगी,

देखो तो ख्वाब है जिदंगी
समझो तो भगवान का दिया वरदान है जिदंगी !


रचनाकार का परिचय :-

ब्रिजना शर्मा यह कविता हमें भेजी है ब्रिजना शर्मा जी ने रामगढ़ शेखावाटी, सीकर से। ब्रिजना शर्मा अपने शब्दों से समाज में सकारात्मक सोच लाने की कोशिश करती हैं।

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