Beti Par Kavita – प्रस्तुत है मनीषा राठौर जी द्वारा रचित बेटी पर कविता ” मेरी बेटी मेरी शान “

Beti Par Kavita
बेटी पर कविता

Beti Par Kavita

मेरी बेटी, मेरा मान,
मेरा वुजूद, मेरी शान है मेरी बेटी,
नैन नक्श भी बिलकुल मुझसे है,
जैसे ईश्वरने बनाई मेरी परछाई है,

वो पल भी क्या आसमानी था,
जब तू इस दुनिया में आई थी,
मेरे लिए तो जैसे रंगो भरा आसमान लाई थी,
बेरंग सी मेरी दुनिया तेरे आते रोशन हुई,
जैसे एक अंधकार में ख़ुशी की ज्योत हुई,

मुझे माँ का दर्जा दिया और मेरा अस्तित्व सम्पूर्ण किया,
कैसे बयां करू मैं की क्या दिया है तूने मुझे
मेरे अस्तित्व का हिस्सा है, मेरे दिलका टुकड़ा है तू,
मेरी बेटी, मेरा मान, मेरे दिलका टुकड़ा, मेरा अभिमान…

तेरा वो खिल खिल मुस्कुराना,
लड़खड़ाकर चलना, चलते हुए गिर जाना,
गिर कर झूठमूठ का रोते हुए उठना,
चलते हुए पत्तियों सा सरसराना,
ख़ुशी से तेरा छोटी छोटी चीजों में खुश हो जाना,

हँसते हुए मेरे पालव में समां जाना,
उसी पालव की चुनर कर इठलाना,
एक पलमें जैसे मुझे स्वर्ग की सैर करवा जाना
मेरी ज़मीन, मेरा आसमान है मेरी बेटी
मेरी बेटी, मेरा मान, मेरे दिलका टुकड़ा, मेरा अभिमान…

वो तेरा आधे अधूरे शब्दों में हमें बुलाना,
माँ बोलते ही तेरा ख़ुशी से मुस्कुराना,
तेरा हर शब्द जैसे चाशनी का झरना हो,

\तेरे लड़खड़ाते चलते हुए, गूंजते हुए उन पायल,
हर पल बढ़ाती जाये मेरे दिल की सरगम,
तेरी एक छोटी सी मुस्कान में मेरा जहाँ सिमट जाये,
मेरी बेटी, मेरा मान, मेरे दिलका टुकड़ा, मेरा अभिमान…

धीरे धीरे वक़्त का बढ़ जाना,
उसके साथ तेरा नदी सा बढ़ जाना,
एक पलमें जैसे सदिया बीत गई,
पलमें मेरी कली जैसे फूल बनने लगी,

नाजुक से उन कंधो पर किताबों का बोझ लगा बरसने,
फिर भी हँसते हुए लगी थी वो हर चट्टान पार करने,
एक दिन अपने मक़ाम हासिल करेगी,
पढ़ लिख कर काबिल बनेगी,
मेरा तो तू पूरा बागबान है, तुजसे ही मेरी खुशियाँ है,
मेरी बेटी, मेरा मान, मेरे दिलका टुकड़ा, मेरा अभिमान….

वो भी दिन आएगा जब तू आसमान को छुएगी,
यही दुनिया तुझको तेरी काबिलियत से पहचानेगी,
इस जहाँ में मेरा नाम रोशन करेगी,
और गर्व से उन्नत होकर मैं भी झूम लूंगी,
मैं भी गर्व से कहूँगी “मेरी बेटी” है ये,
मेरी बेटी, मेरा मान, मेरे दिलका टुकड़ा, मेरा अभिमान..

पढ़िए :- माँ पर कविता “माँ तुलसी माँ गंगा है।”


मनीषा राठौर

यह कविता हमें भेजी है मनीषा राठौर जी ने गुजरात से।

मनीषा राठौर जी ने इजनेरी विद्याशाखा में चरोतर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालजी, चांगा से स्नातक किया हुआ है, उन्होंने दूसरे मैनेजमेंट कोर्सेज की भी उपलब्धिया हासिल की है। मनीषा के पास इतनी उपलबधिया होते हुये अपने निर्वाह के लिये भारत सरकार की इन्शुरेंस कंपनी में अधिकारी के तौर पर काम करती है। इतने अलग पढ़ाई और काम के वातावरण के बाद भी मनीषा जैसे भाषा के बिना अधूरी है। मनीषा के लिये परिवार, मित्र और उसके शौक सब कुछ है। मनीषा को लिखने के साथ-साथ खाना बनाने का भी शौक है , वैसे तो मनीषा एक गुजराती परिवार से है, वो पुरानी वानगीओं को नये ढंग से बनाने में माहिर है। मनीषा के पास डॉलर और हरी नामके पालतू प्राणी है, जो उसे जानसे प्यारे है। 

“ बेटी पर कविता ” ( Beti Par Kavita ) आपको कैसी लगी? ” Beti Par Kavita ” के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

This Post Has One Comment

  1. Avatar
    Sanjay Shah

    Very nice

Leave a Reply