Poem For Wife In Hindi – आप पढ़ रहे हैं पत्नी की तारीफ में पत्नी के लिए कविता “मैं ऋणी रहूँँगा सदा तेरा” :-
Poem For Wife In Hindi
पत्नी के लिए कविता
मैं ऋणी रहूँँगा सदा तेरा,
तेरा मुझ पे है उपकार बड़ा।
वो शब्द कहाँ से लाऊँ मैं,
जो बता सके उद्गार मेरा ।
मैं तो फैला पानी था,
तुमने मुझको धार दिया।
था निरूद्देश्य मैं आवारा,
तुमने है ठहराव दिया।
उजड़े हुए चमन को तुम ने,
जान लगा के सींचा है।
आज की सावित्री बन मुझको,
मौत के मुँह से खींचा है।
वीरान थी दुनिया मेरी कभी,
अब चारों तरफ हरियाली है।
था ठूंठ खड़ा जिस जगह कभी,
वहाँ फूल भरी हुई डाली है।
था ये जीवन कागज कोरा ,
तुम ने इसमें रंग भरा।
दिया मुझे, संबल तब तूने,
जब जब मुशकिल वक्त पड़ा।
कितनी बातें याद करुं मैं,
पग पग है उपकार तेरा,
वो शब्द कहाँ से लाऊँ मैं,
जो बता सके उद्गार मेरा ।
मैं ऋणी रहूँँगा सदा तेरा,
तेरा मुझ पे है उपकार बड़ा।
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यह कविता हमें भेजी है विनय कुमार ( भूतपूर्व सैनिक ) जी ने बैंगलोर से।
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धन्यवाद।
बहुत ही रच रचनात्मक तरीके से सही और सच्चाई से रूबरू कराती यह कविता
सचमुच अपने पत्नी के असली चरितार्थ किया