Pyar Bari Shayari प्यार एक ऐसा विषय है जिस के बारे में जितना पढ़ा जाये उतना कम है । प्यार किसी के बीच भी हो सकता है लेकिन इसका नाम लेते ही सब नर और नारी के बीच ही प्यार की कल्पना करते हैं। इसी विषय पर युवा नेतृत्व आर्यन सिंह के जज्बातों को जाहिर करती ये पंक्तिया उनकी डायरी से ली गई हैं ( Pyar Bari Shayari )-

Pyar Bari Shayari
प्यार भरी शायरी

Pyar Bari Shayari

1.
छुपाया राज जो दिल मे मोहब्बत की रवानी में
गमों का आशियाना है प्रेम की राजधानी में
बताने से जो मिटता गम अगर तो सब बता देता
मगर है बहुत पागलपन मेरे लव की कहानी में ।।


2 .
अगर तुम आज मिल जाओ बहुत होगी मैहरबानी
कलेजा खिल उठेगा फिर चमक जायेगी जिन्दगानी
इश्क के नोक झोकों से हवाएं रुख बदलती हैं
सुनहरी होगा ये अम्बर धरा होगी आसमानी ।।


3.
प्यार धड़कन है हलचल है प्यार रव की निशानी है
टूटता दिल संभाले जो इश्क की मैहरबानी है
तोड़ दे दिल चंद्रमा का पकड़ कर छांव तारों की
जमाना भी कहेगा कल सरासर बेईमानी है ।।


4.
अभी इजहार करता हूँ इश्क की प्रेम बानी को
गवाह महादेव हैं चाहें बुला लो माँ भवानी को
अभी हो गर्व मे भटके हमें ठुकरा रहे हो तुम
कल निश्चय बहाओगे तुम आंखो के पानी को ।।


5.
बने अनजान क्यों बैठे जानते सब कहानी हो
इमोशन अब ना तोड़ो तुम मेरे सपनों की रानी हो
गलत क्या है सही क्या है बताओ तो जरा मुझको
मैं बैठा शान्त सागर सा तुम लहरों मे समानी हो ।।


6.
रहेगी कौन सी दौलत अगर ईमान थक जाए
सिलसिला प्यार का यारा अगर बातों से रुक जाए
ना हो सकता कभी ऐसा स्वाभिमानी का ये मस्तक
जरा सी मुश्किलें पाकर किसी के आगे झुक जाए।।


Pyar Bari Shayari


7.
वक्त लगता है सालों का बड़ी इज्जत कमाने मे
मगर पल चार लगते हैं बदनामी कराने मे
धरोहर है तेरी इज्जत जो मर्यादा है लोगों मे
उसे गिरवी सा रख कर के चले क्यों कैदखाने मे।।


8.
सब्र थमने लगा है अब चैन एक पल ना आता है
अगर तेरी फिक्र करता हूं मेरा दिल थम सा जाता है
दूर हो तुम अभी इतना यही कारण उदासी का
प्यार का नाम हो बस तुम नही कोई सुहाता है ।।


9.
इश्क के रास्तों पर मैं थकने लगा हूं
है कारण यही की मैं रुकने लगा हूं
मोहब्बत के कारण कयामत ना आए
तभी स्वाद गम का भी चखने लगा हूं
स्वाभिमानी रहा जिसका मस्तक सदा
बस शराफत के कारण मैं झुकने लगा हूं।।


10.
ये रातें भी मुझको जगाने लगी हैं
क्या होती है पीड़ा बताने लगी हैं
वैसे भी था मैं सिरफिरा इस जहां में
मगर अब ये पागल बनाने लगी हैं
अभी इश्क का भी सफर चल रहा था
यही दूरियां फिर सताने लगी हैं ।।


11.
हर सांस मे बस आश है एक
वो मिलेगा जरुर मुझे विश्वास है एक।

12.
अजीब सी रात हो गई है मोहब्बत के शहर मे
सुबह का इन्तजार करते करते आंखे थकने लगी हैं ।

पढ़िए :- प्यार का इजहार कविता | Pyar Ka Izhaar Kavita


रचनाकार का परिचय

आर्यपुत्र आर्यन

यह कविता हमें भेजी है आर्यपुत्र आर्यन जी ने। आर्यपुत्र आर्यन जी भागवत कथा प्रवक्ता व हिन्दी के रचनाकार हैं। इन्होंने पुस्तकें भी लिखी हैं एवं इनकी कई कविताएं व गीत उपलब्ध हैं।

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