हिंदी भक्ति कविता :- हे करूणानिधान दया करो

जीवन में सही मार्ग दिखाने के लिए प्रार्थना करती हुई हिंदी भक्ति कविता ( Hindi Bhakti Kavita ) ” हे करूणानिधान दया करो ”

हिंदी भक्ति कविता

हिंदी भक्ति कविता

हे करूणानिधान दया करो
अपनी कृपा बनाए रखें
हम अज्ञानी तेरी शरण में
हमें सही राह बताना प्रभु।

ये जीवन तुम्ही ने दिया है
राह भी तुम्हें बताओ प्रभु
हो गई है भूल कोई तो
राह सही बताओ प्रभु ।

कभी किसी बुरा न करुं
दया भाव हो हृदय में
मस्तक तुम्हारे चरणों में हो
ऐसी बुद्धि दे दो प्रभु।

हे करूणानिधान दया करो
जग में न कोई किसी जीव को
पीड़ा कभी न पहुंचाएं प्रभु
ऐसी सब की बुद्धि कर दो।

पढ़िए :- शेरावाली माँ पर भक्ति कविता “हे माँ शेरावाली”


रचनाकार का परिचय  –

 

कालिका प्रसाद सेमवालनाम—कालिका प्रसाद सेमवाल
शिक्षा—एम०ए०, भूगोल, शिक्षा शास्त्र
आपदा प्रबंधन, व्यक्तित्व विकास फाउंडेशन कोर्स विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए बी०एड० सम्प्रति व्याख्यात
सेवारत —जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
प्रकाशित पुस्तकें–रूद्रप्रयाग दर्शन
अमर उजाला,दैनिक जागरण ,हिंदुस्तान व पंजाब केसरी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में धर्म संस्कृति व सम सामयिक लेख प्रकाशित होते हैं ,उत्तराखंड विघालयी शिक्षा की हमारे आसपास,कक्षा 3,4,5, और कक्षा 6 की सामाजिक विज्ञान पुस्तक लेखन समिति के सदस्य और लेखक भी हैं।

अब तक प्राप्त सम्मान—
रेड एण्ड व्हाईट पुरस्कार, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा साहित्यभूषण, साहित्य मनीषी,अन्य मानस श्री कालिदास सम्मान,उत्तराखंड गौरव साहित्य मण्डल, श्रीनाथ द्वारा साहित्य रत्न, साहित्य महोपाध्याय सम्मानोपधि व देश की विभिन्न संगठनों द्वारा साहित्य में पचास से अधिक सम्मान मिल चुके है
पता—मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
पिनकोड 246171


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