आप पढ़ रहे हैं पूरे विश्व में हाहाकार मचाने वाले ( Hindi Poem On Corona Virus ) कोरोना वायरस पर कविता :-

कोरोना वायरस पर कविता

कोरोना वायरस पर कविता

दुनिया कितनी सुंदर व प्यारी है
भारत उन सबमें नूतन न्यारी है,
दुनिया के इस समय की घटना सुनाते हैं
चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।

सभी तरफ कोहराम मचा है
जान बचाना हो गया भारी,
मनुष्य चाँद पर जा पहुंचा
पर एक वायरस से कैसी लाचारी,
इस विपदा की घड़ी में अपना कर्तव्य निभाते हैं
चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।

पूरी धरती सुनी सुनसान पड़ी है
कदम से कदम मिलाये शत्रु खड़ी है,
जिधर देखो उधर लाशों की झड़ी है
हर इंसान आज संगीन खड़ी है,
इस विपदा की घड़ी में हम हिम्मत बंधाते हैं
चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।

दुनिया में हर तरफ हर मंजर पर
तूफानों के साये पलते हैं,
हर कोई एक दूसरे से जलते हैं
हर गफलत को आज हम मिटाते हैं,
क्या हुआ,क्यों हुआ,सबकुछ भुलाते हैं
चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।

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सुन्दर लाल डडसेना "मधुर"यह कविता हमें भेजी है सुन्दर लाल डडसेना “मधुर” जी ने ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री तह.-सरायपाली,जिला-महासमुंद(छ. ग.) से।

कवि परिचय

नाम – सुन्दर लाल डडसेना”मधुर”
पिता– श्री जलधर डडसेना
शिक्षा – एम.ए.(हिन्दी,अर्थशास्त्र,इतिहास), पीजीडीसीए,डी.एड.
व्यवसाय – सहा.शिक्षक(एल.बी.)
साहित्य सेवा (विवरण) – पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ,कविताएं व लेख प्रकाशित,
साझा संकलन- मातृभूमि,पहल एक नई सोच,कलाम,आर्यावर्त,नया गगन,साहित्य सरोवर लाडो,जननायक,सरस्वती, कविता के संगम पर,चमकते कलमकार भाग2,वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ,शब्द सारथी,चलते चलते,साहित्य लहर,रंग दे बसंती में कवितायें संकलित।

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