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Kanha Ji Ka Bhajan
कान्हा का भजन

Kanha Ji Ka Bhajan

मेरे घर कान्हा आओगे 
तुम राधा को भी संग लाना।
मैं प्रेम की पाती लिख दूँगी
तुम प्रेम सभी पर बरसाना।

जब माखन भर भर खाते हो
मुख पर तन पर लपटाते हो।
मैं माखन प्याला भर दूँगी
तुम भोग लगाने आ जाना। 

मेरे घर कान्हा आओगे….

जब मधुर मुरलिया बाजेगी
अधरों की कली खिल जाएगी।
सुध-बुध राधा बिसरायेगी
तुम गीत मिलन के तब गाना।

मेरे घर कान्हा आओगे….

जब पनघट पे चुपके राधा 
पनिया भरने को आएगी।
बाजेगी पायलिया छन से
तुम प्रेम गगरिया छलकाना।

मेरे घर कान्हा आओगे
तुम राधा को भी संग लाना।

मैं प्रेम की पाती लिख दूँगी
तुम प्रेम सभी पर बरसाना।
मेरे घर कान्हा आओगे 
तुम राधा को भी संग लाना।

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Kanha Ji Ka Bhajan In English Font

Mere Ghar Kanha Aaoge
Tum Radha Ko Bhi Sang Lana,
Main Prem Ki Paat Likh Dungi
Tum Prem Sabhi Par Barsana.

Mere Ghar Kanha Aaoge
Tum Radha Ko Bhi Sang Lana.

Jab Makhan Bhar Bhar Khaate Ho
Mukh Par Tan Par Laptate Ho,
Main Makhan Pyala Bhar Dungi
Tum Bhog Lagane Aa Jana.

Mere Ghar Kanha Aaoge
Tum Radha Ko Bhi Sang Lana.

Jab Madhur Muraliya Bajegi
Adhron Ki Kali Khil Jaegi,
Sudh-Budh Radha Bisraayegi
Tum Geet Milan Ke Tab Gana.

Mere Ghar Kanha Aaoge
Tum Radha Ko Bhi Sang Lana.

Jab Panghat Pe Chupke Radha
Paniya Bharne Ko Aayegi,
Baajegi Payaliya Chhan Se
Tum Prem Gagariyaa Chhalkana.

Mere Ghar Kanha Aaoge
Tum Radha Ko Bhi Sang Lana.
Main Prem Ki Paat Likh Dungi
Tum Prem Sabhi Par Barsana.

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रचनाकार का परिचय

रेनू सिंघल

मेरा नाम रेनू सिंघल है । मैं लखनऊ मे रहती हूँ। मुझे बचपन से लिखने का शौक है । कहानियां ,कवितायें, लेख , शायरियाँ लिखती हूँ पर विवाह के बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते इस शौक को आगे नही बढ़ा पायी।

अब मैं लेखन की दिशा मे कार्य करना चाहती हूँ । अपनी खुद की एक पहचान बनाना चाहती हूँ जो आप सबके के सहयोग से ही संभव है। जीवन के प्रति सकारात्मक सोच और स्पष्ट नज़रिया रखते हुए अपनी कलम के जादू से लोगों के दिलों मे जगह बनाना मेरी प्राथमिकता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी का सहयोग अवश्य मिलेगा।

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