माँ पर कुछ पंक्तियाँ माँ जब होती है तो जीवन आनंदमयी होता है। वह खुद तकलीफें सह लेती है लेकिन अपने बच्चों को हमेशा खुश रखती है और घर को स्वर्ग बना कर रखती है। इसी विषय पर प्रस्तुत हैं माँ पर कुछ पंक्तियाँ :-

माँ पर कुछ पंक्तियाँ

माँ पर कुछ पंक्तियाँ

एक तुम्हारा होना माँ
क्या से क्या कर देता है,
बेजुबान छत दीवारों को
स्वर्ग सा घर कर देता है।

ख़ाली शब्दों में आता है
ऐसे अर्थ पिरोना माँ,
गीत मेरा अब लगता है
घर का कोना-कोना माँ,
एक तुम्हारा होना माँ
सपनों को सच कर देता है।
बेजुबान छत दीवारों को
स्वर्ग सा घर कर देता है।

आरोहों और अवरोहों से
जब-जब समझाने लगती हैं,
तुमसे जुड़ कर चीज़ें भी
मानों बतियाने लगती हैं,
एक तुम्हारा होना माँ
अपनापन सा भर देता है।
बेजुबान छत दीवारों को
स्वर्ग सा घर कर देता है।

तेरे ही आँचल में बचपन
जुड़ी है तुझसे हर धड़कन,
कहने को सब माँ ही कहते
सबके लिए तू है भगवन,
एक तुम्हारा होना माँ
गागर में सागर भर देता है।
बेजुबान छत दीवारों को
स्वर्ग सा घर कर देता है।

मिलना और बिछड़ जाना
जीवन की मजबूरी माँ,
उतने ही हम पास रहेंगें
जितनी हममें दूरी माँ,
एक तुम्हारा होना माँ
मन में ममता भर देता है।
बेजुबान छत दीवारों को
स्वर्ग सा घर कर देता है।

पढ़िए :- स्वर्गीय माँ की याद पर कविता “मैं टूटता बहुत हूँ माँ”

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