Hindi Poem On Nari Shakti नारी शक्ति पर कविता :- नारी ही इस सृष्टि की सृजनकर्ता है। उसके होने से ही संसार का अस्तित्व है। उसी नारी को ही समर्पित है यह नारी शक्ति पर कविता ( Nari Shakti Par Kavita In Hindi ) “सृष्टि ने रचा है तुझको” :-

Hindi Poem On Nari Shakti
नारी शक्ति पर कविता

नारी शक्ति पर कविता

सृष्टि ने रचा है तुझको
कुछ करने नया सृजन ,
तुझसे नित जुड़ता जायेगा
अनुपम शाखाओं का बंधन।

जो रोज करे नित नई तपस्या
बन जा उसका तू मीठा फल,
पिया के दिल की धड़कन को
धड़काती रह तू पल पल,
सह न पाये तनिक भी गम
और अपने बाबूल का क्रंदन।

सृष्टि ने रचा है………………..

टिकी हैं सारी उम्मीदें
तुझसे नई फसल की,
सुंदर, मधुर हो गुण परवीन
जैसे अशआर गज़ल की,
बगिया को गुलज़ार बनाना
बनकर मुरली नन्दन।

सृष्टि ने रचा है………………

चाहे जड़वा दे हीरे मोती
चाहे खर पतवार,
तुझसे जुड़ा है सारा जीवन
तुझसे बसता घर संसार,
कर्म करा दे आम की लकड़ी
या फिर बनकर चन्दन।

सृष्टि ने रचा है………………

शुष्क धरा महकाये खुश्बू
पडे़ जहाँ ये पाक कदम,
जुड़ जाये हर ज़र्रा ज़र्रा
बन जाते अनजाने हमदम,
कृष्णा भी गाये गुणगान
है करके लाख जतन।

सृष्टि ने रचा है………………

मुख पर उजली धूप तुम्हारे
पीठ पे काली बदली है,
रावण का करने विनाश
कोख से धरती के निकली है,
शब्दों सा श्रृंगार सजा तु
कर राम के नयनों का वंदन।

सृष्टि ने रचा है……………..

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