आओ सूरज का आहवान करें – कोरोना मुक्ति पर कविता

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आओ सूरज का आहवान करें

आओ सूरज का आहवान करें

आतंकित है मनुष्य काेराेना के भय से
आक्राेसित है विश्व  अनचाहे त्रास से
चूर हाे गया घमण्ड अधिनायकाें का
हे! प्रकट हाे अशिम उर्जा बन दिव्यज्याेति

अहिंसा की जाेत जलाने
सब मिल कर करें प्रयास
सदभावना से पथ का करें निर्माण
नैतिकता का करें शंखनाद

हे सुरज आपकी राेशनी से जागृत है जीवन
भर के आत्मविश्वास कदम बढावें
मिटा के संघर्ष के घाेर तिमिर काे
फैलावें जग में दिव्य प्रकाश

उर्ध्वमुखी बनावें चिन्तन धारा काे
भाैतिक आंकाक्षा से दूर रहें
जग में शांति का फूल उगानें
आओं सुरज का आहृवान करें

छाया है पूरे संसार मे अन्धकार
देख प्रकृति के प्रकोप काे
अब जागृत हाे रही है मानवता
सुरज !आप ही आशा की किरण हाे
आओंं सब मिल सुरज का आवहान करें।।


मिलन नाैलखायह कविता हमें भेजी है मिलन नाैलखा जी ने विराटनगर, नेपाल से।

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धन्यवाद।

 

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3 Responses

  1. Avatar Sunita says:

    Nice poem..

  2. Avatar Hemant Naulakha says:

    Great thoughts

  3. Avatar Milan Naulakha says:

    Thanks bhabhiji

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