आप पढ़ रहे हैं प्रवीण जी द्वारा रचित शहीदों के बलिदान को याद करते हुए बलिदान दिवस को समर्पित कविता “अमर रहे बलिदान हमारा”
बलिदान दिवस को समर्पित कविता
युगों-युगों तक देश कहेगा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
अमर रहे बलिदान हमारा
अमर रहे बलिदान हमारा।
हो सर्दी चाहे सियाचीन में
अंगारों – सी गर्म हिंद में,
सरहद पे भूखे प्यासे हो
देश सुरक्षित गहरी नींद में,
इनका अतुल शौर्य देखकर
अचरज करे जहाँ ये सारा।
अमर रहे बलिदान हमारा
अमर रहे बलिदान हमारा।
पैंसठ की जंग याद करे
तो सीना चौड़ा होता है,
छोटी – सी टुकड़ी ने देखो
लाखों हैवानों को रौंदा है,
सर्जिकल स्ट्राइक याद करो
वहीं बना श्मशान तुम्हारा।
अमर रहे बलिदान हमारा
अमर रहे बलिदान हमारा।
बहुत हुये शहीद जवान
पर अब ना सैनिक खोयेंगें,
ऐसी होगी जंग यकायक
दरिंदे खून के आँसू रोयेंगें,
चाहे फिर हो चीन पाक
लोहा मानेगा विश्व ये सारा।
अमर रहे बलिदान हमारा
अमर रहे बलिदान हमारा।
इस कविता का विडियो यहाँ देखें :-
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