Poem On Rakshabandhan In Hindi आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता रक्षाबंधन पर :-

हिंदी कविता रक्षाबंधन पर

हिंदी कविता रक्षाबंधन पर

सावन का महीना अब जाने वाला है।
रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है।।

दिखेगी बाजार में रांखी रंगे-बिरंगे कच्चे डोर वाली।
काले भालू, सोने, चांदी से जड़ित रेशम की तार वाली।।

तब लेकर खुशियों की बहार लाएंगी।
जब रक्षाबंधन का त्यौहार आएंगी।।

प्रगीत खुशी के गूंजेंगे।
बाजार राखी से सजेंगे।।

थाली में बहने अक्षत, रोली, राखीं सजाएंगी।
माथे पर अक्षत,रोली की तिलक लगाएंगी।।

बहन भाई के लिए लम्बी उम्र के लिए दुआ मांगेगी।
भाई भी अपनी बहन की रांखी की कर्ज चुकाएगी।।

आज वहीं पावन, शुभ घड़ी वार है।
प्रेम-प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार है।।

ये बंधन तो स्नेह का बंधन है।
अटूट प्रेम प्रतीक रक्षाबंधन है।।

भाई-बहन का प्यार अनूठा।
मिश्री से भी ज्यादा मिठा।।

भाई-बहन का सच्चा प्यार है।
ये कच्चे धागों का त्यौहार है।।

स्नेह, प्रेम का त्यौहार है, रांखी।
भाई-बहन का प्यार है,रांखी।।

भाई के लिए राखियां बहने दुकान से लाई है।
मोटू-पतलू, छोटा भीम रंग-बिरंगे आई है।।

अपने भैय्या के लिए सुन्दर पकवान बनाए है।
भाई भी अपनी बहनें के लिए उपहार लाए है।।

खट्टी-मीठी, नोंक झोंक,आज दोनों ने भुलाई है।
बहन अपने भाई को आज रांखी बांधने आई है।।

अक्षत, कुमकुम चंदन रोली,दीप सगुन में लाती है।।
भाई की आरती करके माथे पर तिलक लगाती है।

जब-तक बहना इस शरीर में प्राण है।
तब-तक मैं रक्षा करूंगा मेरा यही प्रण है।।

तुम्हें विश्वास है, अगर तेरे भाई पर।
तो बांध दो बहना रांखी मेरे कलाई पर।।

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बिसेन कुमार यादव

यह कविता हमें भेजी है बिसेन कुमार यादव जी ने गाँव-दोन्देकला, रायपुर, छत्तीसगढ़ से।

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