कवि सम्मेलन पर कविता :- कवि सम्मेलन परिवार हमारा | Kavi Sammelan Par kavita

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कवि सम्मेलन पर कविता

कवि सम्मेलन पर कविता

अंतर्मन की रचनाओं को
आज जगाना होगा,
कवि सम्मेलन परिवार हमारा
यहाँ भी आना होगा।

भिन्न-भिन्न आचार्य यहां पे
भिन्न-भिन्न आलेख है,
भिन्न-भिन्न रचनाएं इनकी
भिन्न-भिन्न प्रलेख है,
अब तक जितने गीत बनाये
उनको सुस्वर में गाना होगा।

कवि सम्मेलन परिवार हमारा
यहाँ भी आना होगा।

दोहो का है रूप निराला
गद्य-पद्य मानो मधुशाला,
गजलों का नवरुप तो मानो
आचार्यों का हार निराला,
भक्ति-भाव की कठीन परीक्षा
माँ शारदा आपको आना होगा।

कवि सम्मेलन परिवार हमारा
यहाँ भी आना होगा।

छोटी-छोटी कवितायें
मानो मुक्तक का रुप है,
प्रेमरस सौंदर्य से पूरित
कल्पनाओं का स्वरुप है,
वर्णन इसका मुश्किल है
पर परिभाषित करना होगा।

कवि सम्मेलन परिवार हमारा
यहाँ भी आना होगा।

सबको सम्मोहित करती है
पटल की भावी रचनाऐं,
ज्ञान अधुरा ही रहता है
गुरूओं को जो बिसराऐ,
छुपें हुए नव चेहरों को
अब जागृत करना होगा।

कवि सम्मेलन परिवार हमारा
यहाँ भी आना होगा।

पढ़िए :- कविता पर कविता “कविता ईश्वर की है प्रार्थना”

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Praveen Kucheria

Praveen Kucheria

मेरा नाम प्रवीण हैं। मैं हैदराबाद में रहता हूँ। मुझे बचपन से ही लिखने का शौक है ,मैं अपनी माँ की याद में अक्सर कुछ ना कुछ लिखता रहता हूँ ,मैं चाहूंगा कि मेरी रचनाएं सभी पाठकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनें।

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