पढ़िए क्या लिख रही है कलम अपने देश के बारे में ( Hindi Kavita Kalam Ne Jab ) ” हिंदी कविता कलम ने जब जब लिखा ” में :-
हिंदी कविता कलम ने जब
कलम ने जब जब लिखा कुछ प्यार की बातें।
तब मेरे सामने राष्ट्र की तस्वीर आ गई।
कलम ने जब लिखा कुछ राजनीति।
फिर मेरे सामने राष्ट्र की तस्वीर आ गई।
लिख नहीं सकता मैं प्यार और राजनीति भरे हास को।
मैं लिखूंगा सिर्फ केवल भारतीय इतिहास को।
इंकलाबी खूनी जिनके रक्त में है बह रहा।
देह का हर कण जो भारत माता की जय कह रहा।
उस नए से रक्त का हर कतरा हिंदुस्तान है।
जो रक्त मिट्टी में मिला वह मिट्टी तीरथ धाम है।
इसीलिए मैं किसी मांग का सिंदूर नहीं लिख सकता हूं।
मैं तो सिर्फ वीरों की शमशीर लिख सकता हूं।
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रचनाकार का परिचय :-
यह कविता हमें भेजी है मनीष मिश्रा जी ने ग्राम अल्लापुर, पोस्ट सुंधियामऊ जिला बाराबंकी उत्तर प्रदेश से।
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