Kisan Poem In Hindi भारतीय किसान के जीवन और उसके संघर्ष को बयान करती संदीप कुमार सिंह की किसान पर कविता :-
Kisan Poem In Hindi
किसान पर कविता
पेट जो भरता लोगों का
मिट्टी से फसल उगाता है,
उस किसान की खातिर तो
ये धरा ही उसकी माता है।
आलस जरा न तन में रहे
कोई डर न मन में रहे
जितनी भी मुसीबत पड़ती है
बिन बोले वो चुपचाप सहे,
बस परिवार की खातिर ही
वो रहता मुस्कुराता है
उस किसान की खातिर तो
ये धरा ही उसकी माता है।
न धूप सताए दिन की उसे
न काली रात डराती है
डटा रहे हर मौसम में
जब तक न फसल पक जाती है,
सूरज के उठने से पहले
वो पहुँच खेत में जाता है
उस किसान की खातिर तो
ये धरा ही उसकी माता है।
मेहनत करता है पूरी और
संयम भी बांधे रहता है
बोझ जिम्मेवारियों का
उसके काँधे ही रहता है,
कभी वक्त की ऐसी मार पड़े
वो भूखा ही सो जाता है
उस किसान की खातिर तो
ये धरा ही उसकी माता है।
न जाने उसकी किस्मत को
कैसे है रचता विधाता
आज तो है कर्जदार हुआ
भारत का अन्नदाता,
मजबूरी में बेबस हो कर वो
फांसी को गले लगाता है
उस किसान की खातिर तो
ये धरा ही उसकी माता है।
जो सेहत देता दूजों को
खतरे में उसकी जान है क्यों?
सबकी पूरी करे जरूरत
अधूरे उसके अरमान हैं क्यों?
पूरा मूल्य मिले मेहनत का
बस इतना ही तो वो चाहता है
उस किसान की खातिर तो
ये धरा ही उसकी माता है।
पेट जो भरता लोगों का
मिट्टी से फसल उगाता है,
उस किसान की खातिर तो
ये धरा ही उसकी माता है।
– संदीप कुमार सिंह
पढ़िए :- किसान पर हिंदी कविता | कृषि प्रधान देश में कृषक
“ किसान पर कविता ” ( Kisan Poem In Hindi ) आपको कैसी लगी? किसान पर कविता ( Kisan Poem In Hindi ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
- हमारा फेसबुक पेज लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
धन्यवाद।
Leave a Reply