Ozone Day Poem In Hindi – आप पढ़ रहे हैं ओजोन दिवस पर कविता :-
Ozone Day Poem In Hindi
ओजोन दिवस पर कविता
हे मानव;
ओजोन परत वरदानी,
सूरज की घातक;
पराबैंगनी किरणों से बचाती,
यह जीवनदानी ।।
अब तक शीतलता थी;
तन में, मन मे और
हमारे जीवन में,
परन्तु;
बेचैनी महसूस करती;
तपिश भरी जिंदगानी,
अब समझ आई;
अपनी मनमानी ।।
शीतभंडारो, मोटर यानो ने;
आज विषैला धुआँ किया,
इसी राक्षस ने
धीरे- धीरे;
ओजोन परत में
छिद्र किया ।।
नौ मील की दूरी से;
शीश उठाकर, हाथ जोड़कर;
गाए एक सुर, एक वाणी,
ओजोन परत रहे सलामत;
अब नही करेंगे नादानी ।।
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रचनाकार का परिचय
नाम: डा. संदीप पाण्डेय
निवास: रीवा, मध्यप्रदेश
शिक्षा: एम. एस. सी (वनस्पति शास्त्र) , पी.एच.डी, पी. जी. डी. सी. ए.
पद: व्याख्याता, वनस्पति विज्ञान अध्ययन केन्द्र,
अ. प्र. सि. विश्वविद्यालय, रीवा, मध्यप्रदेश.
रुचियां: समाज सेवा, पठन- पाठन, काव्य लेखन, एकांकी, नाटक. आकाशवाणी एवं दूरदर्शन भोपाल, शहडोल, रीवा से विभिन्न समसामयिक विषयों पर वार्ताओं का प्रसारण
प्रकाशन: काव्य संग्रह “हरियाली की ओर” (प्रेस मे)
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